Papankusha Ekadashi 2021: पापांकुशा एकादशी व्रत के ये लाभ जानकर आप हो सकते हैं प्रसन्न, जानें इस दिन क्या करें और क्या सावधानी बरतें

Papankusha Ekadashi 2021: पापांकुशा एकादशी का व्रत 16 अक्टूबर 2021 को रखा जाएगा। पापांकुशा एकादशी पापों का शमन करने वाली परम पवित्र एकादशी है। इस एकादशी का व्रत करने से पितृ भी पापों से मुक्त होकर सदगति को प्राप्त हो जाते हैं और पुण्य लोकों को प्राप्त होते हैं। तथा अक्षय पुण्य अर्जित करते हैं।;

Update: 2021-10-15 01:52 GMT

Papankusha Ekadashi 2021: पापांकुशा एकादशी का व्रत 16 अक्टूबर 2021 को रखा जाएगा। पापांकुशा एकादशी पापों का शमन करने वाली परम पवित्र एकादशी है। इस एकादशी का व्रत करने से पितृ भी पापों से मुक्त होकर सदगति को प्राप्त हो जाते हैं और पुण्य लोकों को प्राप्त होते हैं। तथा अक्षय पुण्य अर्जित करते हैं। तो आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी व्रत करने के लाभ और इस दिन क्या करें और क्या सावधानी बरतें।

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 पापांकुशा एकादशी शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ और समापन

15 अक्टूबर 2021 शुक्रवार को शाम 06:03 से 16 अक्टूबर, शनिवार को शाम 05:37 तक एकादशी है।

पापांकुशा एकादशी व्रत तिथि

 16 अक्टूबर, शनिवार को पापांकुशा एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।

पांपाकुशा एकादशी व्रत के लाभ

  • पापांकुशा एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है।
  • जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य पापांकुशा एकादशी के व्रत से होता है।
  • शास्त्रों के अनुसार, जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य पापांकुशा एकादशी के व्रत से होता है।
  • पापांकुशा एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं। इसलिए पापांकुशा एकादशी व्रत करने वाले लोगों के घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  • पापांकुशा एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के घर में धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है।
  • पापांकुशा एकादशी व्रत करने से मनुष्य की कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है।
  • पापांकुशा एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष आदि ने भी एकादशी का व्रत किया था, जिसके प्रताप से वे लोग इस पृथ्वी पर समस्त सुख और ऐश्वर्य को भोगते हुए अंतकाल में भगवान के परम धाम को प्राप्त हुए।
  • शास्त्रों के मुताबिक, एक बार भगवान शिव ने देवर्षि नारद से कहा था कि, एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है। एकादशी के दिन किए हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है।

एकादशी के दिन करें ये काम

एकादशी को दिया जलाकर विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करें, वहीं अगर आप विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ नहीं कर सकते हैं तो 10 माला गुरुमंत्र का जप जरुर करें। अगर आपके घर में झगड़े आदि होते रहते हैं, तो झगड़े शांत हों जाएं ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करें। इसके प्रभाव से शीघ्र ही आपके घर के सभी झगड़े भी शांत हो जाएंगे।

एकादशी के दिन बरती जाने वाली सावधानियां

प्रत्येक महीने में 15-15 दिन में एकादशी तिथि आती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार, एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है, लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको भीर एकादशी के दिन चावल का त्याग करना चाहिए और चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। एकादशी के दिन जो मनुष्य चावल का सेवन करता है, उसे एक- एक चावल का दाने पर एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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