Parivartini Ekadashi 2020 Date And Time : परिवर्तिनी एकादशी व्रत के नियम

Parivartini Ekadashi 2020 Date And Time : परिवर्तिनी एकादशी 29 अगस्त 2020 (Parivartini Ekadashi 29 August 2020) को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा (Lord Vishnu Puja) की जाती है और साथ ही व्रत भी रखा जाता है। लेकिन आपको परिवर्तिनी एकादशी का व्रत करने से पहले इसके नियमों का जान लेना चाहिए। जिससे आप परिवर्तिनी एकादशी व्रत पर कोई भी गलती न करें।;

Update: 2020-08-20 08:47 GMT

Parivartini Ekadashi 2020 Date And Time : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi) मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं। परिवर्तिनी एकादशी का व्रत (Parivartini Ekadashi Vrat) करने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन में सुखों की वृद्धि होती है तो चलिए जानते हैं परिवर्तिनी एकादशी व्रत के नियम।

परिवर्तिनी एकादशी व्रत के नियम (Parivartini Ekadashi Vrat Ke Niyam)

1.परिवर्तिनी एकादशी व्रत के नियमों का पालन दशमी तिथि से ही करना अनिवार्य होता है। इसलिए दशमी तिथि से ही परिवर्तिनी एकादशी के नियमों का पालन करें।

2. इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी , कुंड या कुंए में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

3. आपको इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करनी चाहिए और उन्हें पीले रंग के फूल,पीले रंग की मिठाई और ऋतुफल अवश्य अर्पित करने चाहिए।

4.परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में उन्हें तुलसी दल अवश्य अर्पित करें। क्योंकि तुलसी दल के बिना भगवा विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है।

5.इस दिन आपको भूलकर भी चावलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस दिन चावल का प्रयोग निषेध माना जाता है।

6.यदि आप परिवर्तिनी एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो आपको परिवर्तिनी एकादशी की कथा अवश्य पढ़नी या सुननी चाहिए।

7.आपको इस दिन किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए और न हीं झूठ बोलना चाहिए।

8.परिवर्तिनी एकादशी के दिन आपको बुजुर्गों, निर्धन व्यक्ति या ब्रह्माणों का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

9. आपको इस दिन किसी पशु या पश्री को भी न तो सताना चाहिए और न हीं मारना चाहिए।

10.परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण दूसरे दिन यानी द्वादशी तिथि के दिन किया जाता है। इसलिए द्वादशी तिथि को ही परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण करें। 

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