Phulera Dooj 2021 : साल 2021 में फुलेरा दूज कब है, जानिए इस दिन क्या करें
- वर्ष 2021 में फुलेरा दूज व्रत (Phulera Dooj Vrat) कब है।
- फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त (Shubh muhurt) क्या रहेगा।
- फुलेरा दूज के दिन क्या करें।
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Phulera Dooj 2021 : वर्ष 2021 में फुलेरा दूज व्रत (Phulera Dooj Vrat) कब है और इस व्रत का शुभ मुहूर्त (Shubh muhurt) कब है। साथ ही द्वितीया तिथि कब शुरू होगी और कब समाप्त होगी। तथा फुलेरा दूज के दिन क्या करना चाहिए। तो आइए जानते हैं फुलेरा दूज के बारे में।
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फुलेरा दूज 2021 शुभ मुहूर्त
फुलेरा दूज 15 मार्च 2021, दिन सोमवार को मनायी जाएगी।
द्वितीया तिथि प्रारंभ : 14 मार्च 2021 को 05:06 PM
द्वितीया तिथि समाप्त: 15 मार्च 2021 को 06:49 PM
फुलेरा दूज के दिन क्या करें
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व होली से कुछ दिन पहले पड़ता है। फुलेरा दूज का त्योहार उत्तरी भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है। इसे रंगों का त्योहार भी कहते हैं। यह पर्व राधा और कृष्ण जी के मिलन के दिन के रूप में भी मनाया जाता है। फुलेरा दूज का पर्व मथुरा और वृंदावन में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में भजन-कीर्तन और कृष्ण लीलाओं का आयोजन किया जाता है।
फुलेरा दूज का दिन दोष मुक्त होता है इसलिए इस दिन कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य किया जा सकता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है और उन्हें गुलाल अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि जो लोग फुलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा जी का पूरी भक्ति के साथ पूजन करते हैं उनके जीवन में प्रेम की वर्षा होती है। इसलिए फुलेरा दूज के दिन कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य कर सकते हैं। फुलेरा दूज के दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी की पूजा की जाती है।
इस दिन आपको सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद एक चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़ककर साफ करके पीले रंग का वस्त्र बिछाकर श्रीराधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा आदि स्थापित करना चाहिए।
प्रतिमा स्थापित करने के बाद राधारानी और बांके बिहारी जी की प्रतिमा पर फूलों की वर्षा करनी चाहिए। तथा उन्हें गुलाल अर्पित करना चाहिए। फुलेरा दूज के दिन श्रीराधारानी को सभी सुहाग की वस्तुएं अर्पित करें। तथा उनकी विधिवत रूप से पूजा करें। भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी को मिठाई का भोग लगाएं।
इसके बाद भगवान को अर्पित किए गए गुलाल से अपने मस्तक पर टीका करें। और उस गुलाल को अपने और अपने प्रियजनों के गालों पर भी लगाएं। अगर आप महिला हैं तो राधाजी को अर्पित किए गए सुहाग के सामान में से कोई भी एक चीज अपने पास रख लें। और बाकी सारा सामान किसी सुहागिन महिला को भेंट कर दें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)