Phulera Dooj 2021 : फुलेरा दूज का पर्व प्रेमी जोड़ों के लिए क्यों होता है खास, जानिए...
- फुलेरा दूज 2021 डेट (Phulera Dooj 2021 Date), शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt), महत्व और पूजा विधि (Importance and method of worship)
- फुलेरा दूज के उपाय (Phulera Dooj Upay)
- प्रेमी जोड़ों और सुखी दांपत्य जीवन के टिप्स (Tips for loving couples and happy marriage)
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Phulera Dooj 2021 : हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार फुलेरा दूज का पर्व हिन्दी माह के अंतिम माह यानि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व उत्तरी भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है। और इस पर्व की लोकप्रियता मथुरा और वृंदावन के क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलती है। फुलेरा दूज के दिन लोग अपने आराध्य भगवान राधा और कृष्ण की पूजा विशेष रूप से करते हैं। तथा जिन व्यक्तियों के वैवाहिक जीवन में बाधाएं आ रही हैं या दांपत्य जीवन में जिन लोगों के काई ना कोई परेशानी रहती है या जिनके प्रेम संबंधों में हमेशा दिक्कतें-परेशानी आती रहती हैं ऐसे व्यक्तियों को इस दिन भगवान कृष्ण और राधा मैय्या की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए और उन्हें सफेद पुष्प व अबीर-गुलाल विशेष रूप से चढ़ाना चाहिए।
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फुलेरा दूज मांगलिक और अबूझ मुहूर्त
अबूझ यानि जिसे बूझा ना जाए अर्थात बिना बूझे यानि स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी माना जाता है। इस दिन कोई भी कार्य बिना पंचांग देखे किया जा सकता है। इसीलिए फुलेरा दूज के दिन अत्याधिक धार्मिक और मांगलिक कार्य किए जाते हैं।
यदि आप किसी मुहूर्त की तलाश में हैं तो आपके लिए फुलेरा दूज का पर्व अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। आप इस दिन बिना कुछ सोचे-समझे और बिना बूझे अपना कोई भी कार्य प्रारम्भ कर सकते हैं। क्योंकि इस दिन स्वयं सिद्ध योग बनता है और अमृत कृपा व दैवीय कृपा इस दिन प्राप्त होती है। इस दिन विवाह संस्कार भी अत्यधिक रूप से किए जाते हैं।
फुलेरा दूज 2021 शुभ मुहूर्त
फुलेरा दूज का पर्व 15 मार्च 2021, दिन सोमवार को मनाया जाएगा।
फुलेरा दूज के उपाय
जिन व्यक्तियों के दांपत्य जीवन में कलह रहती है या परेशानी आती है तथा जिन प्रेमी जोड़ों के लव लाइफ में अत्याधिक प्रॉब्लम रहती है तो ऐसे भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की प्रतिमा के सामने सफेद, गुलाबी और लाल गुलाब के पुष्प चढ़ाने चाहिए और अपने प्रेमी-प्रेमिका अथवा अपने लाइफ पार्टनर का नाम मन में स्मरण करें। तथा साथ ही मधुराष्टकं का पाठ भी विशेष रूप से करें। ऐसा करने से आपके जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
फुलेरा दूज का पर्व हिन्दू धर्म में अत्याधिक महत्व रखता है। क्योंकि यह पर्व प्यार और स्नेह को दर्शाता है इसलिए इस दिन कोई भी कार्य बिना किसी मुहूर्त के किए जा सकते हैं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)