Pitra Sharad 2020: जानिए पितृ पक्ष में शास्त्रों के अनुसार किन लोगों को है श्राद्ध का अधिकार

Pitra Sharad 2020: पितृ पक्ष में पित्तरों का श्राद्ध (Pitra Sharad) करना अनिवार्य माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मृत व्यक्ति का श्राद्ध घर का हर सदस्य नहीं कर सकता। शास्त्रों के अनुसार सिर्फ घर के कुछ लोगो को ही उस मृत व्यक्ति के श्राद्ध का अधिकार है।यदि आप इस बारे में नहीं जानते तो हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में शास्त्रों के अनुसार किन लोगों को है श्राद्ध का अधिकार।;

Update: 2020-08-29 04:56 GMT

Pitra Sharad 2020: पितृ पक्ष में हमारे पितृ धरती पर उपस्थित रहते हैं और शांति के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म (Sharad Karma) किया जाता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार कुछ ही लोगो को इसका अधिकार प्राप्त है। यदि इन लोगो के अलावा घर का अन्य व्यक्ति उस पित्तरों का श्राद्ध (Pitru Sharad) करता है तो उसका यह श्राद्ध कर्म पूरा नहीं होता और न हीं पित्तरों को मुक्ति मिलती है तो आइए जानते हैं किन लोगो को है श्राद्ध का अधिकार।

पितृ पक्ष में श्राद्ध का अधिकार (Pitru Paksha Mein Sharad Ka Adhikar)

1.शास्त्रों के अनुसार पिता का श्राद्ध केवल पुत्र ही कर सकता है तब ही पिता को मोक्ष और उस पुत्र को पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।

2. यदि किसी व्यक्ति का कोई पुत्र नही है तो उस व्यक्ति का श्राद्ध मरने के उपरांत उसकी पत्नी कर सकती है।

3.अगर किसी व्यक्ति का कोई पुत्र या पत्नी नहीं है तो ऐसे व्यक्ति का श्राद्ध उसका सगा भाई कर सकता है।

4.यदि किसी व्यक्ति के एक से अधिक पुत्र है तो सबसे बड़े बेटे को ही श्राद्ध करने का अधिकार होता है।

5. शास्त्रों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के केवल पुत्र ही है तो उस व्यक्ति का श्राद्ध उसकी पुत्री का पति या पुत्र भी कर सकता है।

6.अगर किसी व्यक्ति का कोई पुत्र नही है तो उसका श्राद्ध पौत्र या प्रपौत्र भी कर सकता है।

7.यदि कोई सुहागन स्त्री पति के रहते मृत्यु को प्राप्त होती है तो उसके श्राद्ध का अधिकार केवल उसके पति को ही है।

8.अगर किसी व्यक्ति के पुत्र,पौत्र या पुत्री का पुत्र न हो तो ऐसे व्यक्ति का श्राद्ध उसका भतीजा कर सकता है।

9.शास्त्रों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति का पुत्र, पौत्र या प्रपौत्र किसी के भी न होने पर विधवा स्त्री श्राद्ध कर सकती है।

10.यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे को गोद ले लेता है तो उसके श्राद्ध का अधिकार भी उसके गोद लिए हुए पुत्र को ही होता है। 

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