Pitru paksh 2022: पितृ पक्ष कब शुरु होगा, जानें किस दिन करें किस जातक का श्राद्ध

Pitru paksh 2022: पितृों की आत्म तृप्ति के लिए हर वर्ष पितृ पक्ष का आरंभ होता है। पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर अश्वनी माह की अमावस्या तक होता है। पितृ पक्ष 16 दिनों तक चलता है। इस पक्ष में अपने पितृों का स्मरण किया जाता है, उनकी आत्मा तृप्ति के लिए तर्पण, पिण्डदान और श्राद्धकर्म आदि किए जाते हैं। पितृों की आत्म तृप्ति से पितृदोष नहीं लगता है। साथ ही परिवार की उन्नति होती है और पितृों के आशीष से वंश वृद्धि होती है। तो आइए जानते हैं पितृ पक्ष कब है, कब शुरु होगा और कब समाप्त होगा।;

Update: 2022-03-11 04:48 GMT

Pitru paksh 2022: पितृों की आत्म तृप्ति के लिए हर वर्ष पितृ पक्ष का आरंभ होता है। पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर अश्वनी माह की अमावस्या तक होता है। पितृ पक्ष 16 दिनों तक चलता है। इस पक्ष में अपने पितृों का स्मरण किया जाता है, उनकी आत्मा तृप्ति के लिए तर्पण, पिण्डदान और श्राद्धकर्म आदि किए जाते हैं। पितृों की आत्म तृप्ति से पितृदोष नहीं लगता है। साथ ही परिवार की उन्नति होती है और पितृों के आशीष से वंश वृद्धि होती है। तो आइए जानते हैं पितृ पक्ष कब है, कब शुरु होगा और कब समाप्त होगा।

ये भी पढ़ें: Tantra Shastra: पड़ोसी की सारी धन दौलत को आप खींच सकते हैं अपनी ओर, जानें ज्योतिष के ये अचूक प्रयोग

पूर्णिमा के दिन मृत्यु को प्राप्त जातकों का श्राद्ध केवल भाद्रपद पूर्णिमा अथवा अश्विन कृष्ण अमावस्या तिथि के दिन किया जाता है। इसे पोस्ट पदी पूर्णिमा भी कहा जाता है। सौभाग्यवती स्त्रियों की मृत्यु पर नियम है कि, उनका श्राद्ध नवमी तिथि को करना चाहिए। क्योंकि इस तिथि को श्राद्ध पक्ष में अविधवा नवमी माना गया है।

यदि माता की मृत्यु हो गई हो तो उनका श्राद्ध भी नवमी तिथि को करना चाहिए। जिन महिलाओं की मृत्यु की तिथि मालूम ना हो उनका श्राद्ध भी नवमी तिथि को किया जाता है। इस दिन माता एवं परिवार के सभी स्त्रियों का श्राद्ध किया जाता है। इसे मातृ नवमी श्राद्ध भी कहा जाता है।

इसी तरह एकादशी तिथि को संन्यास लेने वाले जातकों का श्राद्ध कर्म करने का विधान है। वहीं संयासियों के श्राद्ध की तिथि द्वादशी भी मानी गई है। इसके अलावा जिनकी मृत्यु अकाल हुई हो अथवा जल में डूबकर हुई हो या आघात और विषपान करने से हुई हो, उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि के दिन किया जाना चाहिए।

वहीं श्राद्ध अमावस्या पर ज्ञात-अज्ञात सभी पितृों का श्राद्ध किया जाता है। इसीलिए इसे पितृ विसर्जनी अमावस्या भी कहते हैं। इसके अतिरिक्त बची हुई तिथि को उन जातकों का श्राद्ध करें जिनका जिस भी तिथि को निधन हुआ हो।

पितृ पक्ष साल 2022

पितृ पक्ष आरंभ 

10 सितंबर 2022, दिन शनिवार

पितृ पक्ष समाप्त

 25 सितंबर 2022, दिन रविवार

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Tags:    

Similar News