Pitru Paksha 2020 Kab Se Hai : जानिए पितृ पक्ष में कैसे करें घर पर पितरों का तर्पण

Pitru Paksha 2020 Kab Se Hai : पितृ पक्ष (Pitru Paksha ) में पितरो का तर्पण किसी नदी या सरोवर के किनारे किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से ऐसा करना संभव नही है। ऐसे में आप अपने घर पर ही पितरों का तर्पण (Pitru Tarpan) कर सकते हैं और उनका आर्शीवादा प्राप्त कर सकते हैं।;

Update: 2020-09-01 07:30 GMT

Pitru Paksha 2020 Kab Se Hai : पितृ पक्ष 1 सितंबर 2020 से प्रारंभ हो रहे हैं और इसकी समाप्ति 17 सिंतबर 2020 (Pitru Paksha Starting And Ending Date) को होगी। लेकिन इस बार पितरों का तर्पण घर से बाहर नहीं किया जा सकता है। यदि आपको भी इस बात की चिंता है कि आप इस बार पितृ पक्ष में अपने पितरों का तर्पण (Pitra Tarpan) कैसे करेंगे तो आपको बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आज हम आपको बताएंगे की आप अपने घर पर ही पितरों का तर्पण करके उनकी कृपा कैसे प्राप्त कर सकते हैं।

पितृ पक्ष में ऐसे करें घर पर पितरों का तर्पण (Pitru Paksha Mein Aise Kare Ghar Per Pitru Tarpan)

प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने पूर्वजों के प्रति श्राद्ध कर्मं करना अनिवार्य होता है। श्राद्ध कर्म पूर्वजों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया जाता है। श्राद्ध पक्ष की अवधि सोलह दिनों की होती है। ऐसे में विद्वानों के अनुसार पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। श्राद्ध पक्ष में नवमी तिथि के दिन माताएं, बहनों और महिलाओं का श्राद्ध और सर्व पितृ अमावस्या के दिन घर के सभी पितरों का तर्पण किया जाता है।

इससे सात पीढ़ियों के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन इस बार कोरोना की वजह से किसी भी पवित्र नदी के आस पास पितृ तर्पण नहीं किया जाता है। ऐसे में आप घर पर ही अपने पितरों का तर्पण कर सकते हैं।इसके लिए आपको जब भी अपने पितरों को तर्पण करना हो। उस दिन आप तिल और कुशा से जलांजलि, तिलाजंलि आदि कार्य करें। सौभाग्यवती स्त्रियों का नवमी तिथि, सन्यासी लोगो का द्वादशी और अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए लोगो का चतुर्दशी तिथि के दिन तर्पण करें।

सामान्य दिनों में नदी और सरोवर के पानी में खड़े होकर सूर्य को तर्पण किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण यह संभव नही है। इसलिए घर पर ही बड़े भगोने में जल भरकर उसे सरोवर मानें और सूर्य का तर्पण करें। ज्योतिष आचार्यों की माने तो दोपहर 12 बजे जब सूर्य पृथ्वीं के ऊपर हो ऐसे समय में ब्राह्मणों को पकवान और दान दक्षिणा से तृप्त करें। इसके साथ ही आपको जरूरत मंद लोगो को भी दान अवश्य करना चाहिए।

पांच तरह के पत्तलों में सभी तरह का भोजन रखें पहले पत्तल में पितर देवता की फोटो के समक्ष, दूसरा ब्राह्मणों, तीसरा गाय, चौथा, कौआ, और पांचवां तितलियों,मछलियों और चीटियों के लिए रखें। 

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