Pitru Paksha 2020 Mein Kab Hai : जानिए चतुर्दशी तिथि पर क्यों नहीं किया जाता पित्तरों का श्राद्ध कर्म
Pitru Paksha 2020 Mein Kab Hai : पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में श्राद्ध कर्म (Shradh karma) करने से पित्तरों की आत्मा को शांति मिलती है और हमें उनका आशीर्वाद लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर के किसी सदस्य की मृत्यु यदि चतुर्दशी तिथि के दिन हुई है तो आपको उसका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर नहीं करना चाहिए। आखिर क्या है इसके पीछे का कारण आइए जानते हैं...;
Pitru Paksha 2020 Mein Kab Hai : पितृ पक्ष में पित्तरों का तर्पण (Pitru Tarpan) और उनका श्राद्ध कर्म करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं करते तो आपको पित्तरों का श्राप लगता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार यदि चतुर्दशी तिथि पर पित्तरों का श्राद्ध (Pitru Shradh) वर्जित माना गया है। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको इसका कोई फल प्राप्त नहीं होगा। लेकिन क्यों नहीं किया किया जाता पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पित्तरों का श्राद्ध आइए जानते हैं...
पित्तरों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर क्यों नहीं किया जाता (Pitru Shardh Chaturdashi Per Kyu Nahi Kiya Jata)
शास्त्रों के अनुसार पित्तरों का श्राद्ध उनकी मृत्यु तिथि पर ही किया जाता है। लेकिन यदि आपको अपने पित्तरों की मृत्यु तिथि याद नहीं है तो आप उनका श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या पर भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं आप अपने कुल के जिन लोगों का भी श्राद्ध करना चाहते हैं उनका श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या पर कर सकते हैं। लेकिन यदि आपके घर या परिवार में किसी भी व्यक्ति की अकाल मृत्यु हुई है तो आपको उनका श्राद्ध केवल चतुर्दशी तिथि पर ही करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार जिन लोगों की भी अकाल मृत्यु होती है। वह पितृ श्रेणी में नहीं आते। पितृ श्रेणी में सिर्फ वही लोग आते हैं जिनकी मृत्यु स्वाभिक रूप से हुई हो। इसलिए जो भी व्यक्ति अकाल मृत्यु मरता है। उसे तब तक धरती लोक से मुक्ति नहीं मिलती जब तक वह अपनी उम्र पूरी न कर ले और जब वह पृथ्वीं लोक पर अपनी उम्र को पूरा कर लेता है तब ही उसे पितृ लोक में स्थान प्राप्त होता है।
इसी कारण से ऐसे लोगों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि के दिन किया जाता है। चाहें उसकी मृत्यु किसी भी तिथि को ही क्यों न हुई हो।लेकिन उसका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर ही किया जाता है। जिससे घर के अकाल मृत्यु वाले व्यक्ति को धरती लोक पर भटकना न पड़े। वहीं यदि घर के किसी व्यक्ति ने सन्यास ले लिया है और उसकी मृत्यु हो गई तो आपको उस व्यक्ति का श्राद्ध पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन ही करना चाहिए।