Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में ना करें नियमों को उल्लंघन, वरना झेलनी पड़ सकती हैं मुसीबतें

Pitru Paksha 2022: भाद्रपक्ष मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ यानि श्राद्ध पक्ष शुरू जाता है। वहीं पंचांग के अनुसार, इस बार श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर , शनिवार, से शुरू होकर 26 सितंबर, सोमवार तक रहेगा। मान्यता है कि, श्राद्ध पक्ष के ये दिन पितरों को याद करने और उनका आशीर्वाद लेने के दिन होते हैं।;

Update: 2022-08-22 07:34 GMT

Pitru Paksha 2022: भाद्रपक्ष मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ यानि श्राद्ध पक्ष शुरू जाता है। वहीं पंचांग के अनुसार, इस बार श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर , शनिवार, से शुरू होकर 26 सितंबर, सोमवार तक रहेगा। मान्यता है कि, श्राद्ध पक्ष के ये दिन पितरों को याद करने और उनका आशीर्वाद लेने के दिन होते हैं। उनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती। इस दौरान बहुत सावधानियां बरतना आवश्यक है अन्यथा पितर नाराज हो जाते हैं और पितृ दोष का शिकार बन सकते हैं। इसीलिए श्राद्ध के दिनों में कुछ भी वर्जित कार्य नहीं करने चाहिए और पूर्ण नियमों का पालन करना चाहिए। तो आइए जानते हैं पितृ पक्ष में क्या करें और क्या ना करें।

इन दिनों बरतें संयम

पितृपक्ष में महिला और पुरुष दोनों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इन दिनों पितर आपके घर में सूक्ष्म रूप से रहते हैं। ये दिन पितरों को याद करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए हैं इसलिए इन दिनों संयम बरतना चाहिए।

न कटवाएं दाड़ी-मूंछ

पितृपक्ष में पुरुषों का दाड़ी-मूंछ नहीं कटवानी चाहिए। साथ ही श्राद्ध के पिंडों को गाय या फिर ब्राह्मण को दें।

पत्तल पर कराएं भोजन

इन दिनों लोहे के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। संभव हो सके तो ब्राह्मणों को पत्तल पर भोजन करवाएं और स्वयं भी करें। शास्त्रों में श्राद्धपक्ष के दिन इस तरह भोजन करवाना उत्तम माना गया है।

किसी का अनादर ना करें 

पितृ पक्ष में द्वार पर आए अतिथि अथवा मिखारी को भोजन और पानी दिए जाने नहीं देना चाहिए। माना जाता है कि पितर किसी भी रूप में आपके द्वार पर आ सकते हैं और श्राद्ध मांग सकते हैं इसलिए कभी भी इनका अनादर नहीं करना चाहिए।

वाद-विवाद ना करें 

पितृ पक्ष में घर पर शांति का माहौल रहना चाहिए। इन दिनों वाद-विवाद नहीं करना चाहिए। घर में अशांति रहने से पितृगण की कृपा नहीं मिलती। हर रोज पितृगणों का ध्यान करें और उनके नाम का कुछ ना कुछ दान करें। ऐसा करने से जीवन में आपको कभी किसी चीज की कमी नहीं होगी।

दोपहर में ही कराएं भोज

शास्त्रों में काले तिल का महत्व बताया गया है, श्राद्ध या फिर तर्पण करते समय इन्ही का प्रयोग करें। इस बात का भी ध्यान करें कि ब्राह्मणों को भोज दोपहर के समय ही कराएं।

पितरों को होती है तकलीफ

पितृपक्ष में नया घर, नए कपड़े नहीं खरीदना चाहिए। असल में नया घर लेने की कोई मनाही नहीं है, दरअसल जिस घर में पितरों की मृत्यु होती है, वह अपने उसी स्थान पर लौटते हैं। उस वक्त जब वह लौटते हैं और परिजन उस स्थान पर नहीं मिलते तो उनको तकलीफ होती है।

ना करें ऐसी चीजों का सेवन

कई लोग बासी खाने को खा लेते हैं लेकिन पितृ पक्ष में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप बासी खाने का प्रयोग ना करें। साथ ही इन दिनों मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

जानवर को ना करें परेशान

पितृ पक्ष में पशु-पक्षियों के लिए दाना और पानी का इंतजाम करना चाहिए। किसी भी जानवर को परेशान नहीं करना चाहिए, इससे पितृगण नाराज हो जाते हैं। साथ ही चतुर्दशी को श्राद्ध नहीं करना चाहिए।

अकेले ना जाएं

श्राद्ध पक्ष के दिनों रात में किसी भी सुनसान जगह या श्मशान पर अकेले बिल्कुल ना जाए। इन दिनों लोग टोने-टोटके बहुत करते हैं, इसलिए कभी किसी गलत चीज को टच भी नहीं करना चाहिए।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)

Tags:    

Similar News