Pradosh Vrat 2021: साल 2021 का पहला भौम प्रदोष व्रत कब है, जानिए मुहूर्त, महत्व और लाभ

Pradosh Vrat 2021: प्रदोष व्रत का क्या महत्व होता है। प्रदोष व्रत पूजा की सरल विधि क्या है और प्रदोष व्रत से क्या लाभ होता है। तो आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के बारे में जरुरी बातें।;

Update: 2021-01-24 03:30 GMT

Pradosh Vrat 2021: प्रदोष व्रत में भगवान शिव की उपासना की जाती है। यह व्रत हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख व्रतों में से एक है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत चंद्र मास के तेरहवें दिन यानि त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं। और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। प्रदोष को प्रदोष कहने के पीछे एक मुख्य कथा जुड़ी है।

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भौम प्रदोष व्रत की तिथि

साल 2021 का पहला भौम प्रदोष व्रत 26 जनवरी, दिन मंगलवार को रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत की कथा

चंद्र को क्षय रोग था। जिसके चलते उन्हें मृत्यु तुल्य कष्ट हो रहा था। भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें त्रयोदशी के दिन पुन: जीवन प्रदान किया। इसलिए इस दिन को प्रदोष कहा जाने लगा। प्रत्येक माह में जिस तरह दो एकादशी होती हैं वैसे ही प्रत्येक माह में दो त्रयोदशी होती हैं।

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प्रदोष व्रत की पूजा सामग्री

तांबे का पात्र, तांबे का लोटा, दूध, अर्पित करने के लिए वस्त्र, चावल, अष्टगंध, दीपक, तेल, रूई, धूपबत्ती, चंदन, धतूरा, अकुआ के फूल, विल्वपत्र, जनेऊ, फल, नारियल, पंचामृत, पान, दक्षिणा आदि।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

इस व्रत में बिना कुछ खाए व्रत रखने का विधान है। ऐसा करना यदि आपसे संभव ना हो तो आप एक समय फल आदि का सेवन कर सकते हैं।

इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव, माता पार्वती और नंदी जी की पूजा आप प्रदोष व्रत के दिन करें। पंचामृत और गंगाजल से भगवान शिव को स्नान कराएं। अन्हें विल्वपत्र, अष्टगंध, चावल, फूल, धतूरा, धूप, दीप, नेवैद्य, फल, पान, सुपारी और इलायची अर्पित करें। आप प्रदोष के दिन चाहें तो शिव परिवार की पूजा कर सकते हैं। शाम के समय फिर से स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। भगवान शिव के पास आप आठ दीपक जलाएं। इसके बाद भगवान भोलेनाथ की आरती करें। और प्रदोष व्रत की कथा जरुर सुनें अथवा पढ़ें। और इस दिन रात में आप जागरण करें। और महादेव को प्रसन्न करने वाले मंत्रों का जप करें। इस तरह व्रत और पूजा करने वाले भक्त की महादेव हर इच्छा पूरी करते हैं।

प्रदोष व्रत की महिमा

इस व्रत से व्यक्ति को बहुत ही लाभ और शुभ फल प्राप्त होता है। अलग-अलग वारों के अनुसार प्रदोष व्रत के लाभ प्राप्त होते हैं।

  • रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से भक्त की आयु वृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
  • सोम प्रदोष व्रत व्यक्ति को आरोग्य प्रदान करता है। और भक्त की हर इच्छा की पूर्ति होती है।
  • जिन लोगों की कुंडली में मंगल खराब है उन लोगों को भौम प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए । ऐसा करने से उनका मंगल उन्हें शुभफल प्रदान करने लगेगा।
  • बुध प्रदोष व्रत से शिक्षा में सफलता मिलती है।
  • गुरु प्रदोष व्रत को करने से मनुष्य को शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।
  • शुक्र प्रदोष व्रत विवाह में रूकावट दूर करता है।
  • शनि प्रदोष व्रत करने से लोगों की नौकरी में पदोन्नति होती है।
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