Raksha Bandhan Calendar 2020/ रक्षाबंधन 2020 का कैलेंडर

Raksha Bandhan 2020 Calendar : रक्षाबंधन का कैलेंडर (Raksha Bandhan Calendar) जानकर आप अपने भाई को शुभ मुहूर्त में राखी (Rakhi) बांध सकती हैं और उनके जीवन की सभी परेशानियों के समाप्त कर सकते हैं तो चलिए जानते हैं रक्षाबंधन का कैलेंडर।;

Update: 2020-08-02 04:50 GMT

Raksha Bandhan Calenda : रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहने के अटूट प्रेम का पर्व  माना जाता है। जो साल 2020 में 3 अगस्त 2020 को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं और भाई से सदैव उनकी रक्षा वचन मांगती हैं। लेकिन रक्षाबंधन के दिन आपको अपने भाई को शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधनी चाहिए।जिसके लिए आपको रक्षाबंधन का कैलेंडर अवश्य ही जान लेना चाहिए तो चलिए जानते हैं रक्षाबंधन का कैलेंडर। 

रक्षाबंधन कैलेंडर 2020  (Raksha Bandhan 2020 Calendar)

तिथि

पूर्णिमा

दिन

सोमवार

माह

श्रावण  मास

रक्षा बन्धन अनुष्ठान का समय 

सुबह 09 बजकर 28 मिनट से  रात  09 बजकर 17 मिनट तक 

नक्षत्र

श्रवण

योग

आयुष्मान्

करण

बव

चंद्रमा

मकर राशि 

सूर्य राशि

कर्क राशि

अमृत काल मुहूर्त

रात 9 बजकर 25  मिनट से रात 11 बजकर 04 मिनट तक 

अभिजित मुहूर्त मुहूर्त

दोपहर 12  बजे से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक

राहुकाल 

सुबह 7 बजकर 25 मिनट से दोपहर 9 बजकर 5 मिनट तक 

सूर्योदय

 05:54 ए एम

सूर्यास्त 

 07:10 पी एम

जानिए क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन (Kyu Manaya Jata Hai Raksha Bandhan)

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाई को राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती है और उनसे सदैव अपनी रक्षा का वचन मांगती है। रक्षाबंधन का यह त्योहार पौराणिका काल से मनाया जा रहा है। वैसे तो रक्षाबंधन के बारे में कई कहानी प्रचलित है। लेकिन इसमें सबसे प्रचलित कथा है भगवान श्री कृष्ण और द्रौपदी की।

एक बार एक सभा में भगवान श्री कृष्ण आए हुए थे और वहीं पर उनकी शिशुपाल भी आया था। जो रिश्ते में भगवान श्री कृष्ण का भाई ही लगता था। लेकिन वह भगवान श्री कृष्ण से ईष्या करता था। उस सभा में वह भगवान श्री कृष्ण को अपशब्द कहने लगा। भगवान श्री कृष्ण ने शिशुपाल की मां से कहा था कि मैं इसकी सौ गलतियां माफ कर दूंगा लेकिन उसके बाद इसे दंड अवश्य दूंगा। जैसे शिशुपाल की सौ गलतियां हुई तब भगवान श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से उसका गला काट दिया।

सुदर्शन चक्र को अपनी उंगली में धारण करने के कारण भगवान श्री कृष्ण की उंगली कट गई और उसमें से खून निकलने लगा। तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर भगवान श्री कृष्ण की उंगली में पट्टी बांधी थी। उस समय से ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। 

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