Raksha Bandhan 2021: 474 साल के बाद रक्षा बंधन पर बन रहा विचित्र संयोग, गज केसरी योग में बहनें इस बार बांधेगी राखी

Raksha Bandhan 2021: साल 2021 में रक्षा बंधन का पर्व 22 अगस्त, दिन रविवार को मनाया जाएगा। रक्षा बंधन का पर्व अधिकतर श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है, परन्तु साल 2021 में रक्षा बंधन का पर्व धनिष्ठा नक्षत्र के साथ मनाया जाएगा। वहीं ज्योतिष की मानें तो इस बार शोभन योग भी राखी के इस पर्व को और भी अधिक खास बना रहा है। वहीं कुछ ज्योतिष शास्त्रियों की मानें तो राखी के इस पर्व पर इस बार सैकड़ों साल के बाद एक महासंयोग भी बन रहा है।;

Update: 2021-08-18 08:52 GMT

Raksha Bandhan 2021: साल 2021 में रक्षा बंधन का पर्व 22 अगस्त, दिन रविवार को मनाया जाएगा। रक्षा बंधन का पर्व अधिकतर श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है, परन्तु साल 2021 में रक्षा बंधन का पर्व धनिष्ठा नक्षत्र के साथ मनाया जाएगा। वहीं ज्योतिष की मानें तो इस बार शोभन योग भी राखी के इस पर्व को और भी अधिक खास बना रहा है। वहीं कुछ ज्योतिष शास्त्रियों की मानें तो राखी के इस पर्व पर इस बार सैकड़ों साल के बाद एक महासंयोग भी बन रहा है।

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ज्योतिष के अनुसार, रक्षा बंधन का पर्व इस साल राजयोग में आएगा। वहीं राखी के इस पर्व पर इस बार भद्रा का साया भी नहीं रहेगा और वहीं इस बार राहुकाल भी शाम के समय लग रहा है, जिसके कारण बहनें इस बार पूरे दिन अपने भाईयों को राखी बांध सकेंगी। वहीं इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी और वहीं चंद्रमा भी इसके साथ मौजूद रहेगा।

बृहस्पति और चंद्रमा की इस अद्भुत युति से रक्षा बंधन के दिन गजकेसरी योग बन रहा है। माना जाता है कि, गजकेसरी योग से व्यक्ति की सभी महत्वाकांक्षाएं पूरी होती हैं। धन संपत्ति, मकान, वाहन जैसी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है। गज केसरी योग से राजसी सुख और समाज में मान-सम्मान की भी प्राप्ति होती है।

वहीं ज्योतिषशास्त्रियों की माने तो रक्षाबंधन पर ग्रहों का ये दुर्लभ संयोग 474 साल बाद बनने जा रहा है। ऐसा बताया जाता है कि, इससे पहले 11 अगस्त 1547 को ग्रहों की ऐसी ही स्थिति बनी थी जब धनिष्ठा नक्षत्र में रक्षा बंधन मनाया गया था और सूर्य, मंगल और बुध एक साथ ऐसी स्थिति में आए थे।

उस समय शुक्र बुध के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में विराजमान थे। जबकि इस वर्ष शुक्र बुध के स्वामित्व वाली राशि कन्या में स्थित रहेंगे। ज्योतिषियों की मानें तो रक्षाबंधन पर ऐसा संयोग भाई-बहन के लिए बहुत ही कल्याणकारी और लाभकारी रहता है। जबकि खरीदारी के लिए भी राजयोग बहुत शुभ होता है। वहीं रक्षाबंधन के दिन शोभन योग सुबह 10:34 बजे तक रहेगा और धनिष्ठा नक्षत्र शाम 07:40 बजे तक रहेगा। ऐसा कहते हैं कि धनिष्ठा नक्षत्र में पैदा होने वाले लोगों का भाई-बहन से रिश्ता बहुत खास होता है और इसीलिए रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र को खास माना जा रहा है।

बेहद फलदायी है यह योग

ऐसी मान्यता है कि, जब कुंडली में चंद्रमा और गुरु केंद्र में एक- दूसरे की तरफ दृष्टि कर बैठे हों तो गज केसरी योग बनता है। गजकेसरी योग लोगों को भाग्यशाली बनाता है, परन्तु अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति या चंद्रमा कमजोर हो तो उन लोगों को इस योग का लाभ नहीं मिल पाता है।

इसके अलावा, रक्षा बंधन पर सिंह राशि में सूर्य, मंगल और बुध ग्रह एक साथ विराजमान होंगे। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। इस राशि में मित्र मंगल भी उनके साथ रहेगा। जबकि शुक्र कन्या राशि में होगा। ग्रहों का ऐसा योग बेहद शुभ और फलदायी रहने वाला है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)  

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