Ravan Samhita: रावण ने बताया एक ऐसा अचूक मंत्र, जिसका जाप करने से होती है पैसों की बरसात

Ravan Samhita: दशानन रावण को ज्योतिष का सबसे ज्यादा प्रकाण्ड विद्वान माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि, रावण ने ज्योतिष के आधार पर, तंत्रों के आधार पर नवग्रहों को बंदी बनाकर रखा था। तथा भगवान शंकर की कठोर आराधना कर ज्योतिष और तंत्र ज्ञान प्राप्त किया था। रावण ने अपनी किताब जिसका ना रावण संहिता है, इसमें धन प्राप्ति करने के बहुत ही साधारण से उपाय बताये हैं और इन उपायों से निर्धन से निर्धन व्यक्ति भी अपने आपको राजा जैसा धनवान बना सकता है।;

Update: 2022-03-05 04:47 GMT

Ravan Samhita: दशानन रावण को ज्योतिष का सबसे ज्यादा प्रकाण्ड विद्वान माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि, रावण ने ज्योतिष के आधार पर, तंत्रों के आधार पर नवग्रहों को बंदी बनाकर रखा था। तथा भगवान शंकर की कठोर आराधना कर ज्योतिष और तंत्र ज्ञान प्राप्त किया था। रावण ने अपनी किताब जिसका ना रावण संहिता है, इसमें धन प्राप्ति करने के बहुत ही साधारण से उपाय बताये हैं और इन उपायों से निर्धन से निर्धन व्यक्ति भी अपने आपको राजा जैसा धनवान बना सकता है।

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रावण कहता था कि, संसार में कोई भी कार्य असंभव नहीं है, अगर सच्चे मन से पूरी लगन और विश्वास के साथ अगर कार्य किया जाए तो असंभव कार्य भी संभव हो जाता है। क्योंकि एक बार रावण ने समय चक्र को भी अपने बाहुबल से रोक दिया था। तथा रावण ने अपने बाहुबल से तीनों लोकों पर विजय प्राप्त कर ली थी। इसीलिए रावण को नीतिशास्त्र का अच्छा ज्ञान भी था।

वहीं रावण ने हमारे जैसे साधारण लोगों के लिए और हमारे जैसे लोगों के कल्याण के लिए अपनी पुस्तक रावण संहिता में यह वर्णन किया है कि, अगर कोई व्यक्ति बचपन से निर्धन नहीं होता है। वह अपने कर्मों के कारण निर्धन होता है। अच्छे कर्म करके अथवा अच्छा परिश्रम करके आज भी धनवान बना जा सकता है। लेकिन कभी कभी कठिन परिश्रम करने के बाद भी हम लोग धन इक्ट्ठा नहीं कर पाते हैं और धन इक्ट्ठा करने में असफल रह जाते हैं। तो ऐसी स्थिति जीवन में आने पर और उससे निजात पाकर धन इक्ट्ठा करने के लिए

रावण ने अपनी पुस्तक रावण संहिता में कुछ गुप्त मंत्र बताए हैं। जिनका जाप करके आज भी धन की बारिश की जा सकती है। वहीं इन मंत्रों को किसी भी व्यक्ति के सामने नहीं बताना चाहिए। वहीं रावण को ये मंत्र भगवान शंकर जी से प्राप्त हुआ था। वहीं भगवान शंकर ने ही मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर जी को ही धन का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया था। वहीं इस मंत्र का जितना अधिक जाप करोंगे, उतना ही आपके जीवन में धन आएगा।

मंत्र

ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा।

यह धन का बीज मंत्र है। इसका प्रभाव कभी विफल नहीं जाता है। महाकाली, महासरस्वती, महालक्ष्मी तथा धन की देवी अष्टलक्ष्मी सभी इसके आधीन हैं। इस मंत्र के प्रभाव से आपके जीवन में परिवर्तन आना शुरु हो जाएगा।

जब आप खाली हों तो आप अपने मन में इस मंत्र का जाप जरुर करें। इस मंत्र के प्रभाव से आप शीघ्र ही करोड़पति बन जाओगे।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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