Monday Remedies: सोमवार को भूलकर भी न चढ़ाएं शिव को ये पांच वस्तुएं, वरना हो सकते हैं क्रोधित

भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी पूजा जाता है। वे बड़ी से बड़ी गलती करने वालों को भी आसानी से माफ कर देते हैं, लेकिन उनका क्रोध भी जगजाहिर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ ऐसी वस्तुएं हैं, जिनका इस्तेमाल भगवान शिव की अराधना करते समय नहीं करना चाहिए वरना भगवान भोले क्रोधित हो सकते हैं। पढ़िये इन वस्तुओं के बारे में...;

Update: 2023-03-11 08:10 GMT

Remedies for Monday: सनातन धर्म के अनुसार भगवान शिव को अनंत के रूप में जाना जाता है। शिव को भोले के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव को इनके भक्त बहुत आसानी से प्रसन्न कर लेते हैं। इसके कारण इन्हें भोले भंडारी कहा जाता है। भगवान शिव की भक्ति करना बहुत ही सरल है। भोले बाबा को अक्सर लोग पूजा करते समय भांग, धतूरा, बेलपत्र, दूध, जल और आंकड़े का फूल आदि चढ़ाते हैं,  लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ ऐसी वस्तुओं के नाम बताए गए हैं, जिन्हें भगवान शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए। अगर ये वस्तुएं भगवान शिव को अर्पित किए तो वे क्रोधित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं ये पांच चीजें कौन सी हैं, जो भगवान शिव को बिल्कुल पसंद नहीं है ।


हल्दी : सनातन में अधिक देवी-देवताओं के पूजा में हल्दी का उपयोग किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि महादेव को वैरागी और सांसारिक सुख को त्याग करने की वजह से उनकी पूजा में हल्दी का उपयोग नहीं किया जाता है। हल्दी को हमेशा सजावट के लिए उपयोग किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति भगवान शिव की शिवलिंग पर हल्दी लगाता है, तो इस से चन्द्रमा कमजोर होते हैं।


कुमकुम: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव को कुमकुम चढ़ाना मना किया गया है। इसके पीछे की वजह यह है कि वैरागी लोग अपने माथे पर राख लगाते हैं, इसलिए कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए।



तुलसी : तुलसी को भगवान विष्णु की अर्धांगिनी होने के कारण भगवान शिव पर अर्पित नहीं करना चाहिए। अगर किसी ने तुलसी को भगवान शिव की पूजा में उपयोग किया तो भोले भंडारी क्राेधित हो जाएंगे। यह धार्मिक मान्यताओं में बताया गया है। 


नारियल पानी: ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव को आप एक लोटा जल चढ़ाकर उन्हें खुश कर सकते हैं। लेकिन, आप नारियल का पानी नहीं चढ़ा सकते हैं। 


शंख : पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव ने शंख नाम के राक्षस का वध किया था और शंख उसके ही प्रतीक के रूप में माना गया है। इसलिए भगवान शिव की पूजा में शंख का किसी भी रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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