जानिए किन तीन राशियों को रहता है शनिदव से खतरा, करें ये उपाय

हमारे जीवन में ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव और वास्तविक स्थिति पर विचार किया जाता रहा है। भगवान ने हमें जो मानव शरीर दिया है। ये मानव शरीर भगवान की एक अद्भूत रचना है।;

Update: 2020-10-29 07:38 GMT

हमारे जीवन में ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव और वास्तविक स्थिति पर विचार किया जाता रहा है। भगवान ने हमें जो मानव शरीर दिया है। ये मानव शरीर भगवान की एक अद्भूत रचना है। विज्ञान इसका विवरण देते हुए इसको अत्याधिक संवेदनशील करार देता है। ये बात भी सब लोग जानते हैं कि जिन्दगी और मौत पर किसी का बस नहीं चलता है। हिन्दू धर्म संस्कारों में नामकरण किसी ना किसी राशि के नाम से जुड़ा हुआ होता है। नाम के साथ मनुष्य का घनिष्ठ संबंध रहता है। नाम से संबंधित राशि का प्रभाव व्यक्ति पर अवश्य पड़ता है। सभी राशियों का अलग-अलग प्रभाव और स्वभाव होता है। और इसी के अनुसार सभी ग्रह और नक्षत्र हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। शनिदेव सबसे शक्तिशाली होते हैं।

शनिदेव जब किसी कि कुंडली में आ जाते हैं तो घर में बीमारी और दुर्घटना होने की संभावना होती है। जब तक आप कोई बुरे कर्म नहीं करोगे, या बुरे कर्म आपने पिछले जन्म में किए हों, तो सजा तो आपको भुगतनी ही पड़ती है। जो इंसान दुनिया में आता है उसे एक ना एक दिन दुनिया से विदा होना पड़ता है। और ये बात दुनिया की सत्य बात है। शाश्वत सत्य है। आज तक दुनिया में आने वाला कोई भी व्यक्ति मौत को झुठला नहीं सका है। जो व्यक्ति संसार में आया है उसे संसार से जाना भी है। ऐसा गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मृत्यु शाश्वत सत्य है और पहले से ही निर्धारित रहती है। और मृत्यु पर किसी का भी वश नहीं चलता है।

जीवन में मनुष्य जो भी अच्छे और बुरे कार्य करता है वह शनिदेव की वजह से ही करता है। और उसके फल भी शनिदेव ही देते हैं। इसलिए जीवन में शनिदेव को खुश रखना बहुत जरुरी होता है। और इतना ही नहीं नाराज हो जाने पर शनिदेव आपको आपके कर्मों के अनुसार दंड भी देते हैं। तो शनिदेव के किसी भी राशि में आगमन या गोचर से उसे अनेक प्रकार की की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। लेकिन ये सब तभी होगा जब आपने बुरे कर्म किए होंगे।

माना जाता है कि मनुष्य के पाप-पुण्य और कर्म के आधार पर उसे शनिदेव फल देते हैं। वहीं अनेक लोगों का कहना है कि शनि की दृष्टि दुर्भाग्य का कारण होती है। परन्तु शनि की कृपा हो जाए तो फिर सबकुछ शुभ ही शुभ होता है। साथ ही आपको बता दें कि शनि ग्रह सब लोगों की कुंडली में होता है। शनि को पाप और पुण्य का देवता कहा जाता है। अच्छे-बुरे कर्म न्याय के आधार होते हैं। वहीं किस व्यक्ति की मृत्यु किस समय होगी और कहां होगी, कैसे होगी यह सब कहा नहीं जा सकता है। यह बात राशि पर भी बहुत अधिक निर्भर करती है। ऐसी ही तीन राशियां हैं जिनके जातकों की मृत्यु समय से पहले हो जाती है। और अचानक हो जाती है। और ऐसी राशियों में प्रथम है मेष राशि, वृश्चिक राशि और मीन राशि। इन तीनों राशियों को शनि ग्रह से बहुत ही अधिक खतरा होता है।

उपाय

ज्योतीष के अनुसार इन राशियों के जातकों को प्रत्येक शनिवार को शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। अगर आप कहीं बाहर हैं तो आप पीपल के वृक्ष की पूजा कर सकते हैं। अथवा किसी ज्योतिषी से भी आप रक्षाकवच ले सकते हैं। और आपको अच्छे कर्म करने हैं। गरीबों को खाना खिलाना है। आप ऊँ शनि शनिचराय नम: का जाप कर सकते हैं। इन तीनों राशियों को ये उपाय जरुर करना चाहिए। 

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