Shardiya Navratri 2020: पीरियड के दौरान व्रत कैसे करें, आप भी जानें
Shardiya Navratri 2020 : शारदीय नवरात्रि का महापर्व 17 अक्टूबर 2020, दिन शनिवार से प्रारंभ होने वाला है। तथा सनातन धर्म में मानव जीवन के कल्याण के लिए अनेक व्रत और विधान बताए गए है। इन व्रतों में अनेक व्रत स्त्रियों के लिए नीयत किए गए हैं।;
Shardiya Navratri 2020 : शारदीय नवरात्रि का महापर्व 17 अक्टूबर 2020, दिन शनिवार से प्रारंभ होने वाला है। तथा सनातन धर्म में मानव जीवन के कल्याण के लिए अनेक व्रत और विधान बताए गए है। इन व्रतों में अनेक व्रत स्त्रियों के लिए नीयत किए गए हैं। उन व्रतों के पालन के लिए धार्मिक नियम, संयम और पवित्र आचरण का महत्व बताया गया है। किन्तु प्राकृतिक रूप से स्त्रियों के लिए कुछ स्थितियां ऐसी आती हैं जिनके कारण व्रत पालन की निरंतरता में बाधा आ जाती है। इनमें से एक कारण है स्त्री का रजस्वला होना। यानि कि महिलाओं का मासिक चक्र। मासिक या किसी विशेष व्रत के दौरान मासिक चक्र के आने पर प्रत्येक स्त्री के मन में शंका, संशय और व्रत भंग होने के कारण धर्मदोष की पीड़ा रहती है।
इन व्रतों में प्रमुख रूप से प्रतिमास आने वाले एकादशी, संकष्ठी चतुर्थी, प्रदोष व्रत आदि शामिल हैं। यह धर्म संकट उस समय अधिक पीड़ादायक होता है जब महिलाएं विशेष कामनाओं की पूर्ति के लिए 16 सोमवार या 16 शुक्रवार का व्रत रखती हैं। शास्त्रों में व्यवहारिक रूप से इसका उपाय भी बताया गया है। मासिक चक्र के दौरान व्रत पालन को लेकर संशय दूर करने के लिए सबसे पहली बात है कि व्रत संख्या में उस दिन का ना गिना जाए। उस दौरान आप व्रत रखें किन्तु यह भी जरुरी है किसी भी तरह से भगवान की उपासना और देव पूजा में शामिल ना हों। यही नियम मासिक और 16 सोमवार आदि संकल्प व्रतों में व्यवहार में अपनाएं। इसमें व्रत भंग का दोष नहीं लगता है। और व्रत धर्म का पालन भी हो जाता है। ऐसा करने पर मात्र व्रत की अवधि बढ़ जाती है। जैसे अगर आपने 16 सोमवार का व्रत लिया है तो आपको 16 सप्ताह के स्थान पर मासिक चक्र के दिन आए सोमवार के दिन ना गिनने से इस व्रत की अवधि 17वें सप्ताह के सोमवार पर पूरी हो जाती है।