जानिए सरस्वती आवाह्न की तिथि, आवाह्न का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और महाउपाय
माता सरस्वती का आवाह्न अश्विन मास की शुक्ल पंचमी को किया जाता है। और शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि यानी कि पांचवीं नवरात्रि के दिन विद्या की देवी माता सरस्वती का आवाह्न किया जाता है। इस वर्ष 21 सितंबर 2020, दिन बुधवार को माता सरस्वती का आवाह्न किया जाएगा। आइए आप भी जानिए माता सरस्वती के आवाह्न, पूजन, मंत्र, आवाह्न मंत्र और महाउपायों के बारे में जरुरी बातें।;
माता सरस्वती का आवाह्न अश्विन मास की शुक्ल पंचमी को किया जाता है। और शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि यानी कि पांचवीं नवरात्रि के दिन विद्या की देवी माता सरस्वती का आवाह्न किया जाता है। इस वर्ष 21 सितंबर 2020, दिन बुधवार को माता सरस्वती का आवाह्न किया जाएगा। आइए आप भी जानिए माता सरस्वती के आवाह्न, पूजन, मंत्र, आवाह्न मंत्र और महाउपायों के बारे में जरुरी बातें।
अगर आपका बच्चा मंदबुद्धि है तो आपको माता सरस्वती का आवाह्न जरूर करना चहिए। माता सरस्वती का आवाह्न करने से आपके बच्चे पर माता सरस्वती की कृपा दृष्टि हो सकती है और आपका बच्चा इंटेलीजेंट बन सकता है। आपका बच्चा या आप कॉलेज स्टूडेंट हैं, और यदि आप बिजनेसमैंन हैं, और आप चाहते हैं कि आपको या आपके बच्चे को इंटेलीजेंट बुद्धि प्राप्त हो तो आपको बुद्धि की देवी माता सरस्वती का आवाह्न करना चाहिए। शारदीय नवरात्रि के दौरान पंचमी तिथि यानि पांचवीं नवरात्रि पर सरस्वती आवाह्न और पूजन किया जाता है। सरस्वती आवाह्न पूजन मल नक्षत्र के आने पर, यानि जिस दिन मृल प्रकृति हो उस दिन माता सरस्वती का आवाह्न कर विजयादशमी तिथि पर सरस्वती का विसर्जन किया जाता है।
सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है। मान्यताओं के अनुसार संगीत के सातों स्वर सारे गा मा पा धा नी सा आदि जितने भी स्वर हैं, माता सरस्वती की वीणा से ही उत्पन्न हुए हैं। इस कारण इन्हें संगीत की देवी भी कहा जाता है। माता सरस्वती को कई नामों से जाना जाता है। शारदा, वाणी, वागदेवनी, भारती इत्यादि नामों से माता सरस्वती को पुकारा जाता है। माता सरस्वती की पूजा करने से राहु की समस्याओं से लोगों को निजात मिलती है।
सरस्वती पूजन की विधि
घर की पूर्व दिशा यानि ईशान कोण में आप कोई स्वच्छ वस्त्र, चटाई आदि बिछा लीजिए। और वहां माता सरस्वती की प्रतिमा विधिविधान से स्थपित कर लीजिए। इसके बाद माता के सामने घी का दीपक जलाएं। सुगंधित धूप, दीप, अगरवत्ती जलाएं। माता सरस्वती की पूजा में दीपक घी और तेल के यानि दो दीपक जलाने चाहिए। माता को चंदन चढ़ाएं। माता सरस्वती को सफेद और नीले पुष्प बहुत प्रिय हैं इसलिए माता सरस्वती को सफेद और नीले पुष्प अर्पित करें। और माता सरस्वती को साबुदाने की खीर का भोग लगाएं। माता सरस्वती को अर्पित करने के लिए काली उड़द का एक मिष्ठन जरूर अर्पित करें। माता सरस्वती को दो प्रकार के हलुवा बनाकर उनका भोग लगाएं। तथा इसके बाद आपको माता सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उनके विशेष मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए।
सरस्वती मंत्र
ऐं सरस्वती नमः।
सरस्वती आवाह्न का शुभ मुहूर्त
21 सितंबर 2020, दिन बुधवार को माता सरस्वती का आवाह्न किया जाएगा। विद्या की देवी माता सरस्वती का आवाह्न करने से पहले राहुकाल का ध्यान अवश्य कर लें, माता सरस्वती के आवाह्न का समय दोपहर 03:32 बजे से 04:15 बजे तक रहेगा। इस दौरान आप माता सरस्वती का पूजन कर सकते हैं।
माता सरस्वती के आवाह्न का पूजन मंत्र
ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
बुद्धि बढ़ाने का महाउपाय
1. सरस्वती आवाह्न के दौरान माता सरस्वती देवी को दही अर्पित करने के बाद साथ में शहद चढ़ाएं। यानि माता को दही और शहद का भोग लगाएं। और उसके बाद बचें हुए दही और शहद के प्रसाद का ही सेवन करें। ऐसा करने से माता सरस्वती की कृपा आप के ऊपर होने लगेगी, और आपकी समस्या समाप्त हो जाएगी।
2. माता सरस्वती को मोरपंख अर्पित करें। और उस मोरपंख को अपने आफिस, फैक्ट्री अथवा अपनी दुकान या कार्यक्षेत्र के साउथ भाग में उसे लगा दीजिए। आपकी समस्या समाप्त हो जाएगी।