Sawan Purnima 2022: सावन पूर्णिमा कब है, इस दिन बन रहे ये खास शुभ संयोग और जानें चंद्र दर्शन का महत्व

Sawan Purnima 2022: सावन मास का हर दिन खास माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन का महीना 12 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, सावन में आने वाली पूर्णिमा साल की अन्य पूर्णिमा तिथियों में सबसे खास होती है और यह पूर्णिमा सबसे अधिक फलदायी मानी गई है। इस दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि, सावन पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान और नए जनेऊ धारण करने का विधान है।;

Update: 2022-08-06 02:11 GMT

Sawan Purnima 2022: सावन मास का हर दिन खास माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन का महीना 12 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, सावन में आने वाली पूर्णिमा साल की अन्य पूर्णिमा तिथियों में सबसे खास होती है और यह पूर्णिमा सबसे अधिक फलदायी मानी गई है। इस दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि, सावन पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान और नए जनेऊ धारण करने का विधान है। इस दिन तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। सावन पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पाप समाप्त हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं सावन पूर्णिमा कब हैं और इस पूर्णिमा के दिन क्या शुभ संयोग बन रहे है। दिन चंद्रोदय का समय क्या रहेगा।

पंचांग के अनुसार सावन माह की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 को सुबह 10:38 बजे से प्रारंभ हो जाएगी और 11 अगस्त 2022 को सुबह 07:05 बजे समाप्त हो जाएगी। वहीं सावन पूर्णिमा का चांद 11 अगस्त 2022 को उदय होगा। चंद्रोदय का समय 06:57 बजे रहेगा और चंद्रास्त का समय 12 अगस्त सुबह 05:53 रहेगा।

सावन की पूर्णिमा पर रवि, आयुष्मान और सौभाग्य योग का अद्भूत संयोग बन रहा है। जोकि इस दिन के धार्मिक महत्व में वृद्धि कर रहा है। रवि योग 11 अगस्त 05:56 बजे से शुरू होगा और 06:53 बजे पर समाप्त होगा। वहीं सौभाग्य योग दोपहर 03:32 बजे शुरू होगा और अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 11:34 बजे तक रहेगा। वहीं आयुष्मान योग 10 अगस्त को शाम 07:36 बजे से प्रारंभ होगा और 11 अगस्त को दोपहर 03:32 बजे पर समाप्त होगा।

सावन की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का खास महत्व है। मान्यता है कि, पूर्णिमा पर चंद्रमा के दर्शन और उनकी आराधना करने से धन संबंधी परेशानी दूर होती हैं। चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना जाता है। इस दिन रात में चंद्रमा की पूजा करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। 

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)

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