Shanichari Amavasya : शनि अमावस्या पर करें पीपल की पूजा, जानें महत्व और उपाय
- शनिवारी अमावस्या (Shanichari Amavasya) के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि दोष (Shani Dosh) से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है।
- शनिवारी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का विधान है।
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Shanichari Amavasya : शनिवारी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनिदोष से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है। फाल्गुन मास में आने वाली शनिवारी अमावस्या पर आप पीपल के नीचे हनुमान जी की पूजा करके बड़े से बड़े संकट से भी निजात पा सकते हैं।
शास्त्रों में शनिवारी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का विधान बताया गया है। तो आइए जानते हैं इस फाल्गुन मास की शनिवारी अमावस्या के अवसर पर आप किन उपायों को करके शनिदोष से मुक्ति प्राप्त सकते हैं और साथ ही हनुमान जी की कृपा पाने के उपायों के बारे में।
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- शनिवारी अमावस्या के दिन पीपल का पूजन करके उसकी सात परिक्रमा करें। तथा इस दिन पीपल के नीचे काले तिल डालकर सरसों के तेल का दीपक जलाकर छाया दान से शनि द्वारा दी जा रही पीड़ा का शांत होती है।
- पीपल के नीचे मंत्र-जप और ध्यान करना बहुत शुभ होता है। ऐसी मान्यता है कि विष्णु लोक को जाने से पहले भगवान श्रीकृष्ण भी पीपल वृक्ष के नीचे बैठकर ध्यानमग्न हुए थे। पीपल का प्रभाव तन-मन ही नहीं बल्कि भाव जगत तक भी रहता है।
- संध्याकाल में पीपल के नीचे कड़वे तेल का दीपक जलाने से दुख और मानसिक कष्ट दूर होते हैं।
- सूर्योदय के दौरान पीपल की परिक्रमा करने से अस्थमा रोग में फायदा होता है।
- पीपल के नीचे ध्यान-साधना करने से व्यक्ति के ज्ञान में वृद्धि होती है और मन सात्विकता हो जाता है।
- शनिवारी अमावस्या के दिन अगर 11 पीपल के पौधे किसी पवित्र नदी के किनारे रोपे जाएं तो व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है।
- रास्ते में जहां भी आपको पीपल का पेड़ दिखें उसे आप देवता की तरह प्रणाम करें। ऐसा करने से पुण्य लाभ मिलता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)