Shani Jayanti 2022 : जयंती के बाद शनि होंगे 05 जून से होंगे वक्री, इन राशि वालों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
Shani Jayanti 2022 : ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, एक उचित समय अंतराल के बाद ग्रहों का राशि परिवर्तन और उनकी चाल में बदलाव होता रहता है। यानी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ग्रहों के राशिपरिवर्तन यानी कि, चाल मार्गी, वक्रीय आदि। वहीं मार्गी और वक्रीय होने से विभिन्न राशि राशि पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।;
Shani Jayanti 2022: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, एक उचित समय अंतराल के बाद ग्रहों का राशि परिवर्तन और उनकी चाल में बदलाव होता रहता है। यानी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ग्रहों के राशिपरिवर्तन यानी कि, चाल मार्गी, वक्रीय आदि। वहीं मार्गी और वक्रीय होने से विभिन्न राशि राशि पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। ऐसे में कुछ राशि पर इनका अनुपम प्रभाव पड़ता है तो कुछ राशियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कर्मफल दाता 05 जून से कुंभ राशि में वक्रीय होने जा रहे हैं। शनि का व्रकीय होना मतलब उनका उल्टी चाल चलना होता है। उनके वक्री होने से कुछ राशियों वाले लोगों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। तो आइए जानते हैं कौन सी हैं वे राशियां जिन लोगों की शनि के वक्रीय होने पर मुसीबतें बढ़ने वाली हैं।
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कर्क राशि
कर्क राशि वाले जातकों पर शनि का वक्रीय होने पर ज्यादा असर पड़ेगा। इसस समय इन्हें अपने किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। इन लोगों को संयम से काम लेना पड़ेगा। अनावश्यक लड़ाई-झगड़े से बचना होगा।
सिंह राशि
सिंह राशि राशि वाले जातक बहुत साहसी होते हैं, लेकिन शनि के वक्रीय होने की वजह से इनका आत्मविश्वास खंडित हो सकता है। इन्हें अपने कार्यो के प्रति और अधिक सचेत रहने की जरुरत है। कुछ आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
कन्या राशि
कन्या राशि वाले जातकों पर भी शनि की उल्टी चाल का असर देखने को मिलेगा। इन लोगों को अपने व्यापार और कारोबार में सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसीलिए इन लोगों को सावधानी रखने की जरुरत है। नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में भी आपको सतर्कता की आवश्यकता है।
मकर राशि
मकर राशि वाले जातकों पर शनि के वक्रीय होने का असर मिलाजुला रहेगा और उन पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन फिर भी इन्हें सावधानी से अपना कार्य करना होगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वाले जातकों को शनि की कुदृष्टि से बचने के लिए शनिवार के दिन भगवान शिव को काले तिल और तेल चढ़ाने की आवश्यकता है।
कुंभ राशि
शनिदेव कुंभ राशि में वक्रीय हो रहे है तो इसका असर कुंभ राशि वाले जातकों पर विशेष तौर पर पड़ेगा और कुंभ राशि वाले जातकों को शनिवार के दिन स्नान करके शनि मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)