शनिवार के दिन करें शनिदेव की आरती, मिलेगी शनिदोष से मुक्ति
शनिदेव को न्याय और दण्ड का देवता कहा जाता है। कहा जाता है कि, जिस भी व्यक्ति पर शनिदेव की वक्र दृष्टि पड़ जाती है, उस व्यक्ति के लिए परेशानियों का अंबार लग जाता है। वहीं शनिदोष से मुक्ति पाने के लिए उनकी पूजा-भक्ति, आरती आदि करना बहुत आवश्यक है। शनिदेव की पूजा-आरती करने से शनिदोष से मुक्ति मिलती है और शनि की दशा शांत होती है। वहीं शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा-आरती करने से सभी विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं और शनिदेव शुभ परिणाम देने लगते हैं।;
शनिदेव को न्याय और दण्ड का देवता कहा जाता है। कहा जाता है कि, जिस भी व्यक्ति पर शनिदेव की वक्र दृष्टि पड़ जाती है, उस व्यक्ति के लिए परेशानियों का अंबार लग जाता है। वहीं शनिदोष से मुक्ति पाने के लिए उनकी पूजा-भक्ति, आरती आदि करना बहुत आवश्यक है। शनिदेव की पूजा-आरती करने से शनिदोष से मुक्ति मिलती है और शनि की दशा शांत होती है। वहीं शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा-आरती करने से सभी विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं और शनिदेव शुभ परिणाम देने लगते हैं।
ये भी पढ़ें : Jyotish Shastra: शनि की महादशा से बचने के लिए करें इन मंत्रों का जाप, मिलेगा शुभ परिणाम
शनिदेव की आरती
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ।
अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन,
करें तुम्हारी सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,
घोर कष्ट वह पावे ।
धन वैभव और मान-कीर्ति,
सब पलभर में मिट जावे ।
राजा नल को लगी शनि दशा,
राजपाट हर लेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
जा पर प्रसन्न होउ तुम स्वामी,
सकल सिद्धि वह पावे ।
तुम्हारी कृपा रहे तो,
उसको जग में कौन सतावे ।
ताँबा, तेल और तिल से जो,
करें भक्तजन सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
हर शनिवार तुम्हारी,
जय-जय कार जगत में होवे ।
कलियुग में शनिदेव महात्तम,
दु:ख दरिद्रता धोवे ।
करू आरती भक्ति भाव से,
भेंट चढ़ाऊं मेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)