Sharad Purnima 2022 : शरद पूर्णिमा कल, जानें इसकी पूजा विधि, महत्व और शुभ योग

Sharad Purnima 2022 : पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि का बहुत खास महत्व होता है। इस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहा जाता है।;

Update: 2022-10-08 02:24 GMT

Sharad Purnima 2022 : पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि का बहुत खास महत्व होता है। इस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन किए जाने वाले व्रत को कोजागर व्रत या पामोदी व्रत कहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। तो आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और महत्व के बारे में...

शरद पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त

शरद पूर्णिमा तिथि 

09 अक्टूबर 2022, दिन रविवार को मनायी जाएगी।

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 

09 अक्टूबर सुबह 03:41 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त 

10 अक्टूबर सुबह 02:25 बजे

चंद्रोदय टाइम

 09 अक्टूबर शाम 05:58 बजे

प्राचीन पौराणिक ग्रंथों में उल्लेखित है कि इस रात को चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। उत्तर भारत में खीर बनाकर रातभर चांदनी की ओंस में रखने की परंपरा है। पूरे वर्ष में केवल इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। शरद पूर्णिमा की रात्रि में भ्रमण और चंद्रमा की किरणों का शरीर पर पड़ना बेहद ही शुभ माना जाता है।

इस दिन महालक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। इसमें शरद पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा से बहुत ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।

यही नहीं शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से रोगों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत में शुभ विधि पूर्वक स्नान करके तांबे या मिट्टी के कलश पर माता लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित करें। इसके पश्चात अक्षत, धूप-दीप, नैवेद्य, पान, सुपारी, नारियल आदि से पूजन किया जाता है।

फिर संध्याकाल में चंद्रोदय पर 100 दीपक जलाए जाते हैं। इतना ही नहीं खीर बनाकर उसे चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है। एवं सुबह उठकर यह खीर प्रसाद के रुप में ग्रहण की जाती है। माना जाता है कि, चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर खाने से शरीर के रोग समाप्त होते हैं। पूर्णिमा की रात को मांगलिक भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण किया जाता है।

शरद पूर्णिमा पर इस बार कई खास शुभ योग बन रहे हैं। आज के दिन ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। वहीं उत्तराभाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र के लगने के कारण शरद पूर्णिमा का दिन बहुत खास बन रहा है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

Tags:    

Similar News