Sharad Purnima 2022 : शरद पूर्णिमा पर जरुर करें ये काम और इनसे बचें, वरना...

Sharad Purnima 2022 : दशहरा से शरद पूर्णिमा तक चंद्रमा की चांदनी में खास और हितकारी किरणें होती हैं और इन किरणों में विशेष प्रकार के रस होते हैं। इन दिनों में चंद्रमा की चांदनी का लाभ लेने से पूरे वर्ष पर्यंत मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ बना रहता है।;

Update: 2022-10-08 04:52 GMT

Sharad Purnima 2022 : दशहरा से शरद पूर्णिमा तक चंद्रमा की चांदनी में खास और हितकारी किरणें होती हैं और इन किरणों में विशेष प्रकार के रस होते हैं। इन दिनों में चंद्रमा की चांदनी का लाभ लेने से पूरे वर्ष पर्यंत मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ बना रहता है। वहीं व्यक्ति के अंदर प्रसन्नता और सकारात्मकता भी बनी रहती है। वहीं साल 2022 में शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर, दिन रविवार को मनायी जाएगी। वहीं शरद पूर्णिमा की रात कुछ खास बातों का ध्यान देना बहुत जरुरी है। तो आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

शरद पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त

शरद पूर्णिमा तिथि

 09 अक्टूबर 2022, दिन रविवार को मनायी जाएगी।

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ

 09 अक्टूबर सुबह 03:41 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त 

10 अक्टूबर सुबह 02:25 बजे

चंद्रोदय टाइम

 09 अक्टूबर शाम 05:58 बजे

शरद पूर्णिमा पर जरुर करें ये काम और इनसे रहें दूर

शरद पूर्णिमा के रात में आप चंद्रमा की चांदनी में सुई में धागा पिरोने का अभ्यास करें। इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि, सुई में धागा डालने के प्रयास में आज चंद्रमा की ओर एकटक देखते रहेंगे, जिससे चंद्रमा की रोशनी सीधे आपकी आंखों में पड़ जाएगी और आपके नेत्रों की ज्योति बढ़ जाएगी।

वहीं शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से अस्थामा अथवा दमा के मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है और उन्हें कम तकलीफ महसूस होती है।

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की चांदनी अगर गर्भवती स्त्री की नाभि पर पड़ जाए तो गर्भ पुष्ट होता है।

वहीं ज्योतिष और धर्मशास्त्रों की मानें तो शरद पूर्णिमा की चांदनी का महत्व बहुत विशेष होता है। इस रात चंद्रमा की रोशनी में चांदी के पात्र में रखी गई खीर का सेवन करने से शारीरिक और मानसिक विकार दूर होते हैं।

शरद पूर्णिमा के दिन काम सेवन से बचने का प्रयत्न करें और इस दिन व्रत-उपवास करें। इस दिन व्रत-उपवास, सत्संग, भजन-कीर्तिन और हरि जागरण करने से व्यक्ति का शरीर तंदुरस्त और मन प्रसन्न होने के साथ ही बुद्धि प्रखर हो जाती है।

शरद पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन और सभी प्रकार के व्यसन और नशा आदि से दूर रहें। चंद्रमा मन का स्वामी होता है, इसीलिए इस दिन व्यसन करने से मन में नकारात्मक भावों का उदय होता है। जिससे आपके जीवन में निराशा बढ़ सकती है।

शरद पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करने से आत्मिक शांति की अनुभूति होती है। वहीं आज के दिन धन का लेनदेन बहुत अशुभ माना जाता है।

परिवार की सुख-समृद्धि के लिए शरद पूर्णिमा के दिन सुहागन महिलाओं को अपने घर भोजन कराएं और सूर्यास्त से पहले उन्हें कुछ उपहार भी दें।

शरद पूर्णिमा के दिन सूर्यास्त के बाद बालों में कंघी करना और चूल्हे पर तवा चढ़ाना बहुत अशुभ माना जाता है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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