Shardiya Navratri 2020 : 23 या 24 अक्टूबर जानिए कब है महाष्टमी ,शारदीय नवरात्रि पर कब करें अष्टमी पूजन

Shardiya Navratri 2020 : शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) पर अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है और मां दुर्गा (Goddess Durga) का विदा कर दिया जाता है। लेकिन इस बार अष्टमी तिथि को लेकर संशय बना हुआ है कि महाष्टमी इस बात 23 अक्टूबर को है या 24 अक्टूबर है। ऐसे में हम आपको बताएंगे महाष्टमी की सही तिथि।;

Update: 2020-10-22 08:21 GMT

Shardiya Navratri 2020 : शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को महाष्टमी का पर्व (Maha Ashtami Festival) मनाया जाता है। इस दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है और साथ ही कन्या पूजन भी किया जाता है। कुछ लोग महाष्टमी को ही नवरात्रि (Navratri) का समापन कर देते हैं। लेकिन इस बार अष्टमी तिथि को लेकर कई सारी भ्रांतियां है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे की आपको अष्टमी तिथि का पूजन किस दिन करना चाहिए।

महाष्टमी साल 2020 में कब है (Maha Ashtami Mein Kab Hai)

शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को महाष्टमी मनाई जाती है। कुछ लोग महाष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं तो वहीं कुछ लोग महानवमी के दिन कन्या पूजन करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार पितृ पक्ष के कारण इस बार की नवरात्रि एक महीने बाद से प्रारंभ हुई थी। ऐसे में नवरात्रि की अष्टमी तिथि को लेकर संशय बना हुआ है। लेकिन क्या कहता है पंचांग इसके बारे में आज हम आपको बताएंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि का प्रारंभ 23 अक्टूबर 2020 को सुबह 8 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी और 24 अक्टूबर 2020 को सुबह 8 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि का प्रारंभ हो जाएगा। हिंदू शास्त्रों के अनुसार ऐसी स्थिति में सूर्योदय को प्राथमिकता दी जाती है और वर्तमान समय में सूर्योदय का जो प्रारंभ हो रहा है वह सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर हो रहा है और 23 अक्टूबर के दिन अष्टमी तिथि का प्रारंभ सुबह 8: 27 पर हो रहा है।

ऐसी स्थिति में सूर्योदय सप्तमी तिथि पर हो रहा है। शास्त्रों के अनुसार जिस तिथि पर सूर्य का उदय होता है।वही तिथि मान्य होती है और इस बार सप्तमी में ही अष्टमी तिथि पड़ रही है। इसी कारण से 23 अक्टूबर को महाष्टमी पूजन नहीं किया जाएगा। क्योंकि अष्टमी तिथि पर महागौरी का पूजन कुल देवी के स्वरूप में किया जाता है और सप्तमी तिथि पर मां कालरात्रि का पूजन किया जाता है। इस कारण से आपको 24 अक्टूबर को ही महाष्टमी का पूजन करना चाहिए।

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