Shardiya Navratri 2021: घटस्थापना की सामग्री और जानें इसकी स्थापना विधि
Shardiya Navratri 2021: घट अर्थात मिट्टी का घड़ा। इसे नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित किया जाता है। परन्तु घटस्थापना करने से पहले उसकी विधि और सामग्री के बारे में जान लेना बहुत जरुरी होता है, जिससे हमें घटस्थापना करते समय कोई दिक्कत या परेशानी ना हो और मातारानी हम पर सदा प्रसन्न रहें। तो आइए जानते हैं घटस्थापना की सामग्री और विधि के बारे में...;
Shardiya Navratri 2021: घट अर्थात मिट्टी का घड़ा। इसे नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित किया जाता है। परन्तु घटस्थापना करने से पहले उसकी विधि और सामग्री के बारे में जान लेना बहुत जरुरी होता है, जिससे हमें घटस्थापना करते समय कोई दिक्कत या परेशानी ना हो और मातारानी हम पर सदा प्रसन्न रहें। तो आइए जानते हैं घटस्थापना की सामग्री और विधि के बारे में...
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साल 2021 में 06 अक्टूबर, दिन बुधवार को सर्वपितृ अमावस्या के बाद 07अक्टूबर, दिन गुरुवार से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ हो जाएगा जोकि 15 अक्टूबर तक चलेगा।
घटस्थापना पूजन सामग्री
हल्दी, कुमकुम, गुलाल, जौ, रंगोली, सिंदूर, कपूर, जनेऊ, धूपबत्ती, पंचामृत, पान-फूल, पूजा के पान, आम के पत्ते, सुपारी, बादाम, नारियल, सिक्के और पांच प्रकार के फल, चौकी, कुश का आसन और नैवेद्य की सामग्री।
घटस्थापना की विधि
घट के पात्र में सबसे पहले पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें। उसके बाद थोड़े से जौ डाल दें। फिर एक परत मिट्टी की बिछा दें। एक बार फिर जौ डाल दें और फिर से मिट्टी की परत बिछा दें। अब इसपर जल का छिड़काव करें और उसके बाद ऊपर तक पात्र को मिट्टी से भर दें। अब इस पात्र को स्थापित करके पूजन करें। जहां घट स्थापित करना है वहां पर एक पाट रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर उसपर घट स्थापित करें।
घट पर रोली या चंदन से स्वास्तिक बनाएं। और घट के गले में मौली बांध दें। अब एक तांबे का कलश लेकर उसमें जल भरें और उसके ऊपरी भाग पर नाड़ा बांधकर मिट्टी के पात्र अर्थात घट के ऊपर रख दें। या कलश के ऊपर पत्ते रखें और पत्ते के बीच में लाल धागा और लाल कपड़े में बंधा हुआ नारियल रख दें। अब घट और कलश की पूजा करें। फल, मिठाई, प्रसाद कलश के पास रखें। इसके बाद गणेश वंदना करें और देवी का आवाह्न करें।
देवी-देवताओं का आवाहन करते हुए प्रार्थना करें कि, हे समस्त देवी-देवताओं आप नौ दिन के लिए इस कलश में विराजमान हों। आवाहन करने के बाद यह मानते हुए कि, सभी देवी-देवतागण कलश में विराजमान हैं, आप कलश की पूजा करें। अक्षत चढ़ाएं। फूल माला चढ़ाएं। नैवेद्य अर्पित करें, फल-मिठाई आदि अर्पित करें। इसके बाद आप दुर्गा सप्तसती की कथा का श्रवण करें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)