Solar Eclipse 2020: साल का पहला सूर्यग्रहण बनकर आ रहा कोरोना का काल

21 जून को लगने वाला सूर्यग्रहण भारत के अलावा अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और एशिया समेत कई देशों में दिखाई देगा। 21 जून 2020 को आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि है। इस दिन सुबह 10 बजकर 14 मिनट से सूर्य ग्रहण प्रारंभ होगा, जो दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगा।;

Update: 2020-06-14 09:30 GMT

जो लोग ज्योतिष शास्त्र को मानते हैं उनकी नजर 21 जून को होने वाले सूर्यग्रहण पर है। 21 जून को लगने वाला सूर्यग्रहण भारत के अलावा अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और एशिया समेत कई देशों में दिखाई देगा। 21 जून 2020 को आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि है। इस दिन सुबह 10 बजकर 14 मिनट से सूर्य ग्रहण प्रारंभ होगा, जो दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण आंशिक यानि खांडग्रास रहेगा। 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात्रि 10.14 बजे से 12 जून दोपहर 1.38 मिनट तक रहेगा। साल 2020 का एकमात्र सूर्यग्रहण होगा जो भारत में दिखाई देगा और धार्मिक प्रभाव भी पड़ेगा। यह सूर्यग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और मिथुन राशि में लगेगा। आपको बता दें कि जब मिथुन राशि में सूर्य और चंद्र ग्रहण होता है तो उच्च पद पर स्थित लोगों के लिए कष्टकारी हो सकता है।

कोराना का मद्देनजर 21 जून को होने वाले सूर्य ग्रहण पर विचार करें तो ज्योषित शास्त्र की गणना बता रही है कि मृगशिरा नक्षत्र में पड़ रहा ग्रहण शुभ संकेत दे रहा है। शास्त्रों के अनुसार ज्योतिषियों का मानना है कि कोरोना वायरस की महामारी सितंबर में पतन की ओर चल जाएगी। ज्योतषियों का मानना है कि 30 मार्च को बृहस्पति का संचार धनु राशि से मकर राशि में हुआ था, जो 30 जून 2020 तक रहेगा। 30 जून को बृहस्पति वक्री होकर दोबारा से धनु राशि में आ जाएगें। इसी बीच 21 जून को मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य ग्रहण पड़ेगा। इसी दिन मंगल भी शनि की राशि छोड़कर बहस्पति की राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जो कोरोना का प्रभाव कम में मदद करेगा।

साल 2020 के राजा बुध है और उनके साथ मंत्री के रूप में चंद हैं, इन दोनों के प्रभाव से इस महामारी का समन इस महीने में हो जाने की उम्मीद है। ज्योतषियों द्वारा कोरोना वायरस की कोट चक्र बनाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि सूर्य ग्रहण वाले दिन सूर्य कर्क रेखा पर आ जाएगा और तभी से वायरस और कीटाणुओं का प्रभाव खत्म होता चला जाएगा। जब राहु मृगशिरा नक्षत्र में और केतु ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा तब से ही कोरोना का प्रभाव पतन की ओर चला जाएगा। इससे पहले भी ज्योतषि गणना आई है उनमें भी कहा गया है कि कोविड 19 का पतन सितंबर 2020 में हो जाएगा और जून में इसका प्रभाव दिखाई देने लगेगा। 

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