Samudra Shastra: हाथ के अंगूठे में छिपा होता है आपके जीवनसाथी का नाम, आइए आप भी जानें

Samudra Shastra:सामुद्रिक शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसमें अपने हाथों की रेखाओं से अपना भविष्य देखा जा सकता है। भविष्य में क्या अच्छा और क्या बुरा होने वाला है इसका भी पता हाथों की रेखाओं से लगाया जा सकता है। जिनमें हाथों की बनावट हथेली और अंगुलियों की बनावट के अनुसार व्यक्ति के जीवन से जुड़ी खास बातों को अनुमान लगाया जा सकता है। आपके हाथ का अंगुठा ना सिर्फ आपके व्यक्तित्व का आइना होता है बल्कि इसमें आपके जीवनसाथी का नाम भी छिपा होता है। अंगुठे के कौन से हिस्से में आपके पाटर्नर का नाम लिखा होता है, और आप कैसे जान सकते हैं कि किस उम्र में आपका विवाह का योग बन सकता है। साथ ही अंगुठे से जूड़ी कुछ बातें आइए आप भी जानें।;

Update: 2020-08-21 04:48 GMT

Samudra Shastra:सामुद्रिक शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसमें अपने हाथों की रेखाओं से अपना भविष्य देखा जा सकता है। भविष्य में क्या अच्छा और क्या बुरा होने वाला है इसका भी पता हाथों की रेखाओं से लगाया जा सकता है। जिनमें हाथों की बनावट हथेली और अंगुलियों की बनावट के अनुसार व्यक्ति के जीवन से जुड़ी खास बातों को अनुमान लगाया जा सकता है। आपके हाथ का अंगुठा ना सिर्फ आपके व्यक्तित्व का आइना होता है बल्कि इसमें आपके जीवनसाथी का नाम भी छिपा होता है। अंगुठे के कौन से हिस्से में आपके पाटर्नर का नाम लिखा होता है, और आप कैसे जान सकते हैं कि किस उम्र में आपका विवाह का योग बन सकता है। साथ ही अंगुठे से जूड़ी कुछ बातें आइए आप भी जानें।

आपने देखा होगा कि हमारे हाथों की अंगुलियां प्राकृतिक रुप से तीन भागों में बंटी होती हैं। लेकिन अंगुठे के दो ही भाग होते हैं। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि अंगुठे के ऊपरी भाग बताता है कि जातक अपने जीवन और कार्यों को लेकर कितना गंभीर है। और अंगुठे का निचला हिस्सा बताता है कि जातक कितना स्मार्ट और इंटेलीजेंट है। ऐसे ही जातक के हाथ के अंगुठे की बाहरी ओर कुछ तिरछी लाइनें बनी होती हैं। जो ज्यादा से ज्यादा नौ तक की संख्या में होती हैं। कहा जाता है कि इन तिरछी रेखाओं के बीच में पाटर्नर के नाम का पहला लेटर लिखा होता है।

पुरूषों को दाहिने हाथ के अंगुठे में और महिलाओं के अपने बांये हाथ के अंगुठे में यह नाम देखना चाहिए। वहीं जिन लोगों के अंगुठे पर यह नाम नहीं होता, उन्हें अपने हाथ की तर्जनी या फिर अनामिका अंगुली पर इस नाम को देखना चाहिए। यदि आप ध्यान से देखेंगे तो अंगुलियों की इन रेखाओं के बीच में ही आपके जीवनसाथी का नाम छिपा रहता है।

अंगुष्ठ शास्त्र के अनुसार अंगुठे पर बनने वाली सभी नौ रेखाएं नौ ग्रहों की ओर भी इशारा करती हैं। और जीवन के कई राज खोलती हैं। अंगुठे की पहली रेखा 10 साल, दूसरी रेखा 20 साल तीसरी रेखा 30 साल हमारी उम्र को दर्शाती है। और बताती है कि यदि पाटर्नर का नाम दूसरी और तीसरी रेखा के बीच बन रहा है तो इसका अर्थ है कि आपका विवाह 20 से 30 वर्ष के बीच होगा। और यदि आपके पाटर्नर का नाम तीसरी और चौथी रेखा के बीच बन रहा है तो आपका विवाह 30 से 40 वर्ष की आयु के बीच में होगा। और इस तरह आप अपने अंगुठे को देखकर अपने पाटर्नर का नाम और विवाह की उम्र का अंदाजा लगा सकते हैं। 

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