Sravan Putrada Ekadashi 2020 : श्रावण पुत्रदा एकादशी 2020 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और कथा
Sravan Putrada Ekadashi 2020 : श्रावण मास में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति इस व्रत को पूरे भक्ति भाव से करता है। उसकी संतान संबंधी सभी परेशानियां समाप्त हो जाती है तो चलिए जानते हैं श्रावण पुत्रदा एकादशी 2020 में कब है(Sravan Putrada Ekadashi 2020 Mai Kab Hai), श्रावण पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Sravan Putrada Ekadashi Shubh Muhurat),श्रावण पुत्रदा एकादशी महत्व (Sravan Putrada Ekadashi Importance) ,श्रावण पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि (Sravan Putrada Ekadashi Puja Vidhi) और श्रावण पुत्रदा एकादशी की कथा (Sravan Putrada Ekadashi Story);
Sravan Putrada Ekadashi 2020 : श्रावण पुत्रदा एकादशी (Sravan Putrada Ekadashi) पर भी सभी एकादशियों की तरह ही भगवान विष्णु की पूजा (Lord Vishnu Puja) की जाती है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को करता है उसके घर तेजस्वी संतान का जन्म होता है तो चलिए जानते हैं श्रावण पुत्रदा एकादशी 2020 में कब है, श्रावण पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त,श्रावण पुत्रदा एकादशी महत्व ,श्रावण पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि और श्रावण पुत्रदा एकादशी की कथा।
श्रावण पुत्रदा एकादशी 2020 तिथि (Sravan Putrada Ekadashi 2020 Tithi)
30 जुलाई 2020
श्रावण पुत्रदा एकादशी 2020 शुभ मुहूर्त (Sravan Putrada Ekadashi 2020 Shubh Muhurat)
एकादशी तिथि प्रारम्भ - रात 01 बजकर 16 मिनट से (30 जुलाई 2020)
एकादशी तिथि समाप्त - रात 11 बजकर 49 मिनट तक (30 जुलाई 2020)
श्रावण पुत्रदा एकादशी का महत्व (Sravan Putrada Ekadashi Importance)
हिंदू शास्त्रों में एकादशी को बहुत ही अधिक महत्व दिया गया है। इन्हीं में से एक ही श्रावण मास की एकादशी जिसे पुत्रदा एकादशी के नाम से जाता है। यदि कोई नि:संतान दंपत्ति इस व्रत को पूरे भक्ति भाव से रखते हैं तो उसके घर में जल्द ही बच्चे की किलकारियां गूंजने लगती है। इतना ही नहीं इस व्रत को रखने वाले दंपत्ति के घर भगवान श्री हरि विष्णु की कृपा से एक योग्य संतान का जन्म होता है और यदि किसी दंपत्ति के पहले से ही संतान है और वह इस व्रत को रखते हैं तो उनकी संतान के जीवन की सभी समस्यांएं समाप्त हो जाती है और उन्हें संतान का पूर्ण सुख प्राप्त होता है।
श्रावण पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि (Sravan Putrada Ekadashi Puja Vidhi)
1.श्रावण पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा करने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इसके बाद एक चौकी पर गंगाजल छिड़क कर उसे साफ करके पीले रंग का वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा और कलश स्थापित करें।
3. कलश स्थापित करने के बाद मौसमी फल, पीले रंग के फूल,तुलसी और काले तिल भगवान विष्णु को अर्पित करें।
4. इसके बाद धूप व दीप जलाकर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें और श्रावण पुत्रदा एकादशी की कथा पढ़ें या सुने।
5. कथा पढ़ने के बाद भगवान विष्णु की आरती उतारें और उन्हें पीली मिठाई का भोग लगाएं।
श्रावण पुत्रदा एकादशी की कथा (Sravan Putrada Ekadashi Story)
पौराणिक कथा के अनुसार भद्रवती नाम का एक नगर हुआ करता था। जिसमें राजा सुकेतुमान और उनकी शैव्या राज करते थे। लेकिन उनके यहां कोई संतान नही थी। जिसकी वजह से बहुत दुखी रहते थे। एक दिन राजा अपने घोड़े पर सवार होकर जंगल की तरफ चल दिया जंगल में उसे बहुत प्यास लगी। पानी की खोज में वह एक सरोवर के पास पहुंचा। जहां ऋषि मुनि अपनी पूजा पाठ में लगे थे।
पानी पीने के बाद राजा उस आश्रम में गया और वहां ऋषियों के एक साथ इकट्ठा होने का कारण पूछा। तब ऋषियों ने बताया की आज पुत्रदा एकादशी है। जो भी मनुष्य इस व्रत को पूरे भक्ति भाव से करता है। उसे पुत्र की प्राप्ति होती है। इसके बाद राजा ने भी अपने राज्य में लौटकर पुत्रदा एकादशी का व्रत प्रारंभ किया और द्वादशी के दिन पारण किया।व्रत के फल के प्राप्त से रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया। इसलिए पुत्रदा एकादशी का व्रत सभी लोगो को करना चाहिए।