Super Blood Moon 2021: 26 मई को दिखेगा सुर्ख लाल चांद, जानें चंद्र ग्रहण का पूरा हाल
Super Blood Moon 2021: अप्रैल 2021 में दुनिया भर में पिंक सुपरमून देखा गया था और अब एक माह बाद 26 मई 2021 को दूसरा सुपरमून दिखाई देगा, जोकि पहले से भी ज्यादा खास होगा। 26 मई को दिखाई देने वाले सुपरमून पर ग्रहण भी लगेगा। जिसमें ये ना सिर्फ आकार में बड़ा बल्कि और भी ज्यादा लाल नजर आएगा, लेकिन चांद के इस बदलते रंग के पीछे क्या वजह है और क्या हम और आप इसे देख पाएंगे। तो आइए जानते हैं इस सुपरमून के बारे में जरुरी बातें।
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जब चांद पृथ्वी के इर्द-गिर्द अपनी कक्षा में पृथ्वी के बेहद करीब होता है तो वह बहुत बड़ा दिखता है। वहीं 26 मई को भी ऐसा ही होने वाला है। इस कारण वह काफी तेज चमक रहा होगा।
ग्रहण की वजह से लाल रोशनी में डूबा चांद करीब साढ़े 14 मिनट के लिए दिखाई देगा।
पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूरज, धरती और चांद एक सीध में होते हैं। ग्रहण के वक्त पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आती है और इससे सूर्य की किरणें चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं। तथा चंद्रमा अंधेरा नजर आता है, लेकिन यह पूरी तरह गायब नहीं होता है। पृथ्वी के वायुमंडल से टकराने पर सूर्य की किरणों में से अधिक वेबलैंथ वाली लाल और नारंगी किरणें चंद्रमा पर पड़ती हैं। और बन जाता है बल्ड मून।
वायुमंडल में मौजूद कणों के आधार पर ये नारंगी या लाल से लेकर ये भूरे रंग का भी हो सकता है।
ग्रहण के दौरान पहले चंद्रमा पृथ्वी की बाहरी छाया में दाखिल होता है। जिसे पैनंब्रा कहते हैं। जब वह पृथ्वी की अंदरूनी छाया में दाखिल होता है तभी वह लाल दिखाई देता है। वहीं पूर्ण चंद्र ग्रहण दो से तीन साल में एक बार होता है। इस बार यह पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका दिखाई देगा। हालांकि भारत में ये ग्रहण पैनंब्रा फेस में नहीं दिखेगा। इसलिए यहां से लाल रंग का चंद्रमा नहीं देखा जा सकेगा।
सामान्य से बड़े और चमकीले चांद को सुपरमून नाम 1979 में रिचर्ड नोल ने दिया था। साल 1930 में मेन फार्मर अलमेनक ने अमेरिकन इंडियन मून नेम छापने शुरू किए। इसके मुताबिक अप्रैल का फुल मून पिंक मून कहलाता है।पिंक मून के अलावा इसे स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून, फिश मून जैसे कई नाम किए गए हैं। वहीं, हिंदुओं में इसे हनुमान जयंती के तौर पर मनाया जाता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)