तोरण बनाने की विधि, आप भी जानें

तोरण-बंदनवार आम के पत्तों से बनाया जाता है। और किसी भी हवन, यज्ञ, पूजा, शादी-विवाह या शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले बंधनवार या तोरण लगाकर घर के द्वारों को सजाया जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार सभी घरों के मुख्य द्वार पर शुभ और मांगलिक चित्र रहने चाहिए। तथा स्वास्तिक आदि चिन्ह अंकित रहने चाहिए। रोली और कुमकुम के द्वारा हाथ का छापा लगा होना चाहिए। और इसके साथ ही तोरण अर्थात बंदनवार लगा होना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी आपके घर की ओर आकर्षित रहती हैं। क्योंकि प्रत्येक गृहस्थ व्यक्ति को धर्म कार्य करने के लिए शुभ लक्ष्मी की आवश्यकता होती है। और लक्ष्मी का आवरण इन्हीं शुभ चिन्हों के द्वारा होता है। तो आइए आप भी जानें कि शास्त्रोंक्त विधि से किस प्रकार आप भी तोरण या बंदनवार बनाएं।;

Update: 2020-09-01 03:45 GMT

तोरण-बंदनवार आम के पत्तों से बनाया जाता है। और किसी भी हवन, यज्ञ, पूजा, शादी-विवाह या शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले बंधनवार या तोरण लगाकर घर के द्वारों को सजाया जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार सभी घरों के मुख्य द्वार पर शुभ और मांगलिक चित्र रहने चाहिए। तथा स्वास्तिक आदि चिन्ह अंकित रहने चाहिए। रोली और कुमकुम के द्वारा हाथ का छापा लगा होना चाहिए। और इसके साथ ही तोरण अर्थात बंदनवार लगा होना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी आपके घर की ओर आकर्षित रहती हैं। क्योंकि प्रत्येक गृहस्थ व्यक्ति को धर्म कार्य करने के लिए शुभ लक्ष्मी की आवश्यकता होती है। और लक्ष्मी का आवरण इन्हीं शुभ चिन्हों के द्वारा होता है। तो आइए आप भी जानें कि शास्त्रोंक्त विधि से किस प्रकार आप भी तोरण या बंदनवार बनाएं।

सबसे पहले आपको गंध अर्थात पिसा हुआ चंदन लेकर उसमें गंगाजल मिला लेना है। इसके बाद आपको आम के एक समान पत्ते लेने हैं। आम के पत्ते स्वच्छ होने चाहिए, कटे-फटे आम के पत्ते नहीं होने चाहिए। उसके बाद आप आम के पत्तों पर गंगाजल का छिड़काव करें। जिससे आम के पत्ते भी शुद्ध और पवित्र हो जाए। इसके पश्चात आपको पीले अथवा लाल धागे में आम के पत्तों को डंडी की ओर से बांध लेना चाहिए, अथवा पत्तों की डंडी को धागे के ऊपर से फोल्ड करते हुए डंडी को पत्ते के अंदर धंसा देना चाहिए। आपको जिस प्रकार अच्छा लगे उस प्रकार से आप इसे बना सकते हैं।

शास्त्रोंक्त विधि से दोनों ही प्रकार के बंधनवार या तोरण उपयक्त होते हैं। तोरण बनाते समय आपको ध्यान रखना है कि तोरण में 11 पत्ते, 21 पत्ते या 31 पत्ते होने चाहिए। पत्तों की संख्या कम या आधिक भी हो सकती है लेकिन ध्यान रहे कि पत्तों की संख्या शुभ होनी चाहिए। अर्थात आपके मुख्य द्वार की चौड़ाई के हिसाब से आप तोरण अथवा बंदनवार बना सकते हैं।

जब भी आपके घर में पूजा-पाठ हो तो आपका प्रयास यह होना चाहिए कि आपके पूरे घर में तोरण अथवा बंधनवार लगे होने चाहिए। आपका पूरा घर तोरण और बंदनवार से सजा हुआ होना चाहिए। आप चाहे तो आम के पत्तों के बीच में पुष्प आदि लगा सकते हैं, इससे तोरण की सुन्दरता और बढ़ जाती है।

तोरण में आम के पत्ते लगाने के बाद आप प्रत्येक आम के पत्ते में गंध लगाएं। यानि कि आप आम के पत्तों में चंदन का टीका लगाएं। चंदन का टीका लगाने से भी तोरण की सुन्दरता बढ़ जाती है। तथा चंदन के बाद आप चंदन के टीका के ऊपर बीच में कुमकुम लगाएं। और इस प्रकार से आप पूजा आदि के दौरान तोरण लगाकर अपने घर के द्वारों को सजाएं। 

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