Vastu Shastra: पारिवारिक क्लेश को वास्तु के इस उपाय से करें दूर और घर में बनाएं प्रेममय माहौल
Vastu Shastra: यदि परिवार के लोगों में आपस में बातचीत नहीं करते हैं और उनमें एक-दूसरे के लिए प्रेम की कोई नहीं है तो उस घर की तुलना किसी धर्मशाला से की जा सकती है। जहां कोई मुसाफिर आता है और रात को ठहर कर अगली सुबह अपने गंत्वय की ओर चला जाता है। कई बार गृह कलेश और वैचारिक मतभेद के चलते ऐसा होता है कि लोगों के चेहरे पर से खुशी ही गायब हो जाती है।;
Vastu Shastra: यदि परिवार के लोगों में आपस में बातचीत नहीं करते हैं और उनमें एक-दूसरे के लिए प्रेम की कोई नहीं है तो उस घर की तुलना किसी धर्मशाला से की जा सकती है। जहां कोई मुसाफिर आता है और रात को ठहर कर अगली सुबह अपने गंत्वय की ओर चला जाता है। कई बार गृह कलेश और वैचारिक मतभेद के चलते ऐसा होता है कि लोगों के चेहरे पर से खुशी ही गायब हो जाती है। ऐसे में घर में खुशनुमा माहौल नहीं रहता और सभी के चेहरे लटके हुए या उदासी से भरे हुए रहते हैं जब भी कोई मेहमान आता है तो उस परिस्थिति में घर का वातावरण अवसाद पूर्ण रहने के कारण अच्छा नहीं लगता है। वहीं ज्योतिष में ऐसे माहौल से निजात पाने के अनेक उपाय उपलब्ध हैं और आप भी इन उपायों को अपनाकर अपने घर को स्वर्ग से सुन्दर बना सकते हैं। तो आइए जानते हैं अपने घर को हंसता-खेलता और घर के लोगों में प्रेम की भावना जगाने के उपायों के बारे में...
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यदि आपके घर में लड़ाई-झगड़े आदि होते हैं और आप अपने घर में प्रेम का वातावरण बनाना चाहते हैं तो आप कहीं से एक ऐसे चित्र लेकर आएं जिसमें हंसता-मुस्कुराता संयुक्त परिवार हो और उस चिऋ को आप अपने अतिथि कक्ष में लगा दें, जहां पर सभी की नजर आते-जाते पड़ती रहें। बस कुछ ही दिनों में देखिए इस चित्र का प्रभाव आपको दिखाई देने लगेगा।
यदि आप अपने घर में दूसरों के चित्र न लगाना चाहते हैं तो खुद के ही परिवार के सदस्यों का चित्र प्रसन्नचित्त मुद्रा में दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में लगा दें। जल्दी ही आपके परिवार का वातावरण बदल जाएगा।
ऐसा करें
- यदि पति और पत्नी में तनाव है या किसी कारणवश स्नेह संबंधों में विग्रह हो रहा हो तो आप अपने शयन कक्ष में राधा-कृष्ण का एक सुंदर-सा चित्र लगा सकते हैं।
- यदि आप राधा-कृष्ण का चित्र नहीं लगा सकते हैं तो हंसों के जोड़े का सुंदर-सा मन को भाने वाला चित्र लगा सकते हैं।
- इसके अलावा हिमालय, शंख या बांसुरी के चित्र भी लगा सकते हैं। ध्यान रखें, उपरोक्त में से किसी भी एक का ही चित्र लगाएं।
- यदि शयन कक्ष अग्निकोण में हो तो पूर्व-मध्य दीवार पर शांत समुद्र का चित्र लगाना चाहिये परंतु इस परिस्थिति के अतिरिक्त भूलकर भी पानी से संबंधित चित्र न लगाएं, क्योंकि पानी का चित्र पति-पत्नी और 'वो' की ओर इशारा करता है जो शुभत्व कारक नहीं।
- पारिवारिक सुख शांति और स्नेह संवर्धन के लिये सक्षम तांत्रिक उपाय भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है पर इनका अनुगमन सामान्य व्यक्ति के लिये सुरक्षित नहीं माना जाता है अतः इस मार्ग पर यथा संभव नहीं चलना चाहिये।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)