Vastu Tips: घर में कभी न रखें इस प्रकार से जूते-चप्पल, होता है हानिकारक असर
Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में हर सामान के लिए नियम निर्धारत किए गए हैं। इन नियमों की अनदेखी करने पर आप किसी भी मुसीबत में फंस सकते हैं। मान्यता है कि, घर में वास्तु दोष होने पर आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं समेत पारिवारिक कलह और अनेक अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है।;
Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में हर सामान के लिए नियम निर्धारत किए गए हैं। इन नियमों की अनदेखी करने पर आप किसी भी मुसीबत में फंस सकते हैं। मान्यता है कि, घर में वास्तु दोष होने पर आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं समेत पारिवारिक कलह और अनेक अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उसी तरह अपने घर में पड़े हुए उल्टे-सीधे जूते-चप्पल को लेकर भी आपने घर के बड़े लोगों को रोक और टोकते हुए देखा होगा। क्योंकि हिन्दू सनातन परिवारों में जूते-चप्पल को एक निधार्रित जगह पर उतारने का रिवाज होता है, जिसका वे सभी लोग प्रतिबद्धता से पालन भी करते हैं। तो आइए जानते हैं, वास्तु शास्त्र में जूता-चप्पल को लेकर क्या प्रमुख नियम बताए गए हैं।
वास्तुकारों की मानें तो घर में कभी भी जूतों को उल्टा नहीं रखना चाहिए। जिस घर में जूते-चप्पल बिखरे हुए रहते हैं, वहां शनि का अशुभ प्रभाव रहता है। ऐसी मान्यता है कि, शनि का संबंध मनुष्य के पैर से भी होता है। ऐसे में पैरों से संबंध रखने वाली वस्तुओं को उचित और सही स्थान पर रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के बाहर अव्यवस्थित ढंग से जूते-चप्पल रखने पर घर में नेगेटिव एनर्जी सक्रिय हो जाती है। इसीलिए जूते-चप्पल को हमेशा किसी कोने में व्यवस्थित रूप से रखना चाहिए।
वास्तु के मुताबिक, हमेशा इस्तेमाल में आने वाले जूते-चप्पलों को पश्चिम दिशा में व्यवस्थित ढंग से रखना चाहिए।
पुराने जूते-चप्पल रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इसके अलावा जूते-चप्पल को कभी भी पूजाघर या किचन की दीवारों से सटाकर नहीं रखना चाहिए।
वहीं घर की पूर्व दिशा, उत्तर दिशा या आग्नेय कोण और ईशानकोण में जूते-चप्पल की रैक या अलमारी नहीं बनवानी चाहिए। इसके लिए उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम की दीवारें और दिशा सही मानी जाती है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)