Akshaya Tritiya 2019 : अक्षय तृतीया पर विशेष संयोग, जानें राशि के अनुसार खरीदें ये सामान
अक्षय तृतीया का पर्व आज हिन्दू धर्म में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। अक्षय तृतीया पर इस बार 5 ग्रह सूर्य, शुक्र, चंद्र और राहू केतु अपनी उच्च राशियों में गोचर है।;
अक्षय तृतीया का पर्व आज हिन्दू धर्म में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। अक्षय तृतीया पर इस बार 5 ग्रह सूर्य, शुक्र, चंद्र और राहू केतु अपनी उच्च राशियों में गोचर है। इससे पहले यह संयोग 2003 में बना था, यानी 16 साल पहले।
यह योग राशियों के अनुसार खरीदारी करने में बहुत ही शुभ माना जाता है। इस अक्षय तृतीया पर मृगशिरा नक्षत्र और अतिगंड योग के सहयोग से इच्छापूर्ति का योग भी है।
हरि ज्योतिष संस्थान के ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस अक्षय तृतीया पर सर्वसिद्ध अबूझ मुहूर्त तिथि है। यह मांगलिक कार्यों के लिए बहुत ही शुभ है। इस दिन विवाह, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य करने के लिए तिथि मुहूर्त आदि निकलवाने की जरूरत नहीं होती। मान्यता के अनुसार परंपरा है कि अक्षय तृतीया बाले दिन सोना खरीदने से समृद्धि आती है।
पूजन का शुभ मुहूर्त
सुबह 6:40 से दोपहर 12:26 बजे तक, यानी लगभग 6 घंटे की समय अवधि है।
सोना खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त
सुबह 11:26 Am से 9:47 Pm बजे तक
राहु काल छोड़कर...
किस राशि वाले क्या खरीदें
मेष:- तांबे और सोने से बनी वस्तुएं को खरीदें
वृषभ:-चांदी के सिक्के या चांदी की वस्तुएं को खरीदें
मिथुन:- चांदी के आभूषण एवं नए वस्त्र को खरीदें
कर्क:- चांदी और फूल धातु के बर्तन को खरीदें
सिंह:- स्वर्ण/ सोने के आभूषण को खरीदें
कन्या:- चांदी के सिक्के और स्टील के बर्तन को खरीदें
तुला:- चांदी के सिक्के खरीदें
वृश्चिक:- तांबे का पात्र और सोने के आभूषण खरीदें
धनु:- स्वर्ण/ सोने आभूषण खरीदें
मकर:- चांदी के सिक्के या गहने खरीदें
कुंभ:- सोने के आभूषण खरीदकर पत्नी को दें
मीन:- आभूषण के साथ घरेलू सामान भी खरीदें
यह है मान्यता
पंडित केदारी मुरारी के अनुसार अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त है। अक्षय तृतीया पर कोई भी शुभ कार्य बिना किसी सोच विचार के किया जा सकता है, जैसे विवाह, गृह प्रवेश या कोई अन्य शुभ कार्य। अक्षय तृतीया के दिन से विभिन्न कहानियां जुड़ी हैं। मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम की जयंती के साथ भगवान विष्णु का नर नारायण अवतार भी इसी दिन हुआ था। त्रेता युग की शुरुआत भी इसी दिन हुई थी।
अक्षय तृतीय पर कन्यादान का है विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु दत्त शास्त्री के अनुसार अक्षय तृतीय पर कन्यादान का विशेष महत्व है। इस दिन बिना मुहूर्त के भी विवाह किया जा सकता है और इस दिन किए गए दान, स्नान, जप आदि मिलने वाला पुण्य भी अक्षय ही रहता है।
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