Basant Panchami Kamdev Puja Niyam : बसंत पंचमी पर कामदेव की पूजा से पहले से जरूर जान लें ये नियम

Basant Panchami Kamdev Puja Niyam : बसंत पंचमी पर कामदेव की पूजा (Basant Panchami Per Kamdev Ki Puja) करने से पहले उनकी पूजा के नियम अवश्य जान लेने चाहिए। इस दिन कामदेव की पूजा (Kamdev Puja) विशेष रूप से की जाती है। बसंत पंचमी पर कामदेव की पूजा से वैवाहिक सुख और प्रेम में सफलता प्राप्त होती है तो चलिए जानते हैं बसंत पंचमी पर कामदेव की पूजा के नियम;

Update: 2020-01-28 07:08 GMT

Basant Panchami Kamdev Puja Niyam : बसंत पंचमी पर कामदेव की पूजा करने से पहले आपको इसके नियम अवश्य जान लेने चाहिए। जिससे आप कामदेव की पूजा करने में किसी भी प्रकार की कोई गलती न करें। बसंत पंचमी का त्योहार (Basant Panchami Festival) साल 2020 में 29 जनवरी 2020 को मनाया जाएगा तो चलिए जानते हैं बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर कामदेव की पूजा के नियम


बसंत पंचमी पर कामदेव की पूजा के नियम (Basant Panchami Kamdev Puja Ke Niyam)

1. बसंत पंचमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर किसी पवित्र में स्नान करने के बाद पीले या पीतांबर वस्त्र धारण करें।

2. इसके बाद एक चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कें और उस पर सफेद रंग का वस्त्र बिछाएं और उस पर अष्टदल कमल बनाएं।

3. अष्टदल कमल बनाकर उसके आगे के भाग भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। भगवान गणेश की पूजा में उन्हें दूर्वा और मोदक अवश्य चढ़ाएं। 

4.इसके बाद अष्टदल कमल के पीछे के भाग पर जौं और गेहूं की बाली के पुंज को जल से भरे कलश में डंठल सहित रखकर सजाएं। गेहूं और जौ की बाली के इस पुंज को इस प्रकार सजाने को ही बसंत कहा जाता है।

5. बसंत स्थापित करने के बाद सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और पिछले भाग में स्थापित बसंत पुंज के द्वारा कामदेव और रति का पूजन करें। जिसके लिए आप अबीर, केसर और रंगीन पुष्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं।


6. इसके बाद रति और कामदेव के ॐ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात् मंत्र का जाप करें। 

7. पूजा के बाद हवन अवश्य करें। जिसमें सूखे मेवे, केशर,हल्दी से बने हलवा बनाकर उसकी आहूति अवश्य दें। यदि आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप कुछ मीठा बनाकर ही उसकी आहूति दे सकते हैं। 

8. बसंत पंचमी के दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है। जिसके लिए आप इसी हवन में नए अन्न में गुड़ और घी का मिश्रण करके अग्नि में हवन की अग्नि में समर्पित करें।

9. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन विशेष रूप से किया जाता है। इसलिए महादेव की पूजा के बाद माता सरस्वती की पूजा भी अवश्य करें। जिससे आपको इस दिन भगवान शिव और माता सरस्वती का भी आर्शीवाद भी प्राप्त हो सके। 

10. इसके बाद भगवान विष्णु का पूजन भी अवश्य करें और उन्हें बसंत पंचमी के दिन कमल, दवात और पुस्तकें अवश्य अर्पित करें। भगवान विष्णु की पूजा करने से आपको सभी के सुखों प्राप्ति होगी। 

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