Bhai Dooj Tilak Time 2019 : भाई दूज तिलक शुभ अशुभ मुहूर्त
Bhai Dooj Tilak Time 2019 : भाई दूज तिलक शुभ मुहूर्त में किया जात है, भाई दूज को भैया दूज (Bhaiya Dooj), यम द्वितीया और भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, भाई दूज दीपावली (Diwali) के दो दिन बाद आता है, आइये जानते हैं भाई दूज के शुभ अशुभ मुहूर्त...;
Bhai Dooj Tilak Time 2019 भाई दूज (Bhai Dooj) के दिन यम द्वितीया की कहानी कथा (Yam Dwitiya Kahani) का पाठ किया जात है। भाई दूज का त्योहार (Bhai Dooj Festival) कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है। भाई बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज के दिन बहन अपने भाई की रक्षा के लिए उनका तिलक (Bhaiya Dooj Tilak) करती है।
भाई दूज के दिन बहन अपने भाई के घर जाती हैं या कई बार भाई तिलक (Bhai Dooj Tilak) कराने अपनी बहन के घर जाते हैं। भाई दूज के दिन बहन अपने घर पर भाइयों को भोजन कराती हैं। भाई बहन इस दिन एक साथ बैठकर खाना भी खाते हैं।
भाई दूज पर यदि यमुना जी के तट (Yamuna Ji) पर बैठकर विधि पूर्वक भाई का तिलक (Bhai Dooj Tilak) किया जाए तो भाई को कभी अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है, इस दिन माता यमुना जी (Yamuna Ji Puja) और मृत्यु के देवता यम की पूजा (Yam Puja) की जाती है।
भैया दूज कब है ? (Bhai Dooj Kab Hai)
हिन्दू पंचांग के अनुसार भाई दूज का पर्व दिवाली के दो दिन बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भैया दूज मनाया जाता है। जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। इस साल भाई दूज 2019 में 29 अक्टूबर को है।
किस समय करें भाई का तिलक (Bhai Dooj Tilak Time Shubh Muhurat)
भाई दूज तिलक का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 11 मिनट से दोपहर 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा यानी भाई दूज तिलक मुहूर्त समय की कुल अवधि 02 घंटे 12 मिनट तक है।
किस समय ना करें भाई का तिलक
भाई दूज का तिलक शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है। कई बार ऑफिस जाने या कहीं और जाने के चक्कर में बहन किसी भी समय भाई को तिलक कर देती हैं या भाई अपने समय अनुसार तिलक करा लेते हैं। यह बहुत ही गलत प्रथा है क्योंकि कोई भी मंगल कार्य शुभ समय में ही किया जाता है। इसलिए यदि आपके साथ भी इस तहर की स्तिथि होती है तो आपको राहुकाल का ध्यान रखना होगा, अन्यथा भाई के साथ साथ बहन को भी पीड़ा होने का डर रहता है।
29 अक्टूबर 2019 राहुकाल / अशुभ समय (Bhai Dooj Ashubh Muhurat)
रोग का चौघडिया प्रातः 03 बजकर 19 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक
राहुकाल का प्रातः 04 बजकर 56 मिनट से 06 बजकर 32 मिनट तक
रोग का चौघडिया प्रातः 06 बजकर 32 मिनट से 07 बजकर 55 मिनट तक
उद्वेग का चौघडिया प्रातः 07 बजकर 55 मिनट से 09 बजकर 18 मिनट तक
अर्थात प्रातः 03 बजे से लेकर 09 बजे तक कोई भी शुभ कार्य ना किया जाए। उसके बाद राहुकाल दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से 2 बजाकर 51 मिनट तक रहेगा।
भाई दूज तिलक मंत्र (Bhai Dooj Tilak Mantra)
गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को
सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें।।
भाई दूज कथा / यम द्वितीया की कहानी (Bhai Dooj Ki Katha / Bhai Dooj Story)
धार्मिक कथाओं के अनुसार यमराज और यमुना जी का जन्म सूर्य भगवान की पत्नी का नाम छाया की कोख से हुआ। यमुना जी के कई बार निमंत्रण देने पर भी यमराज अपनी बहन के घर नहीं गए, फिर एक दिन (कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को) यमुनाज जी ने यमराज को वचनबद्ध कर अपने घर भोजन के लिए आमंत्रती कर लिए। बहन का ऐसा प्रेम देख भाई यमराज ने यमुना जी के घर प्रस्थान करने से पहले नरक से सभी जीवों को मुक्त कर बहन के घर चल दिए। जब यमराज जी यमुना जी के घर पहुंचे तो माता यमुना जी की ख़ुशी का कोई ठिकाना ना रहा। माता यमुना ने पहले भाई यमराज को भोजन कराया और उनका सत्कार किया। यमराज ने यमुना जी का प्रेम देख उनसे एक वर मांगने को कहा तो यमुना जी ने कहा कि आप इस दिन प्रतिवर्ष मेरे घर आओ और जो बहन इस दिन अपने भाई को तिलक करे उन्हें यम का भय कभी ना रहे, यमराज जी ने तथास्तु कहकर यमुना जी का वर पूरा कर दिया, उसी दिन से हर साल भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है और हर बहन अपने भाई की रक्षा के लिए भाई को तिलक करती हैं।
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