बुधवार के उपाय: जानें भगवान गणेश जी के व्रत की विधि, कथा और उसमें रखी जाने वाली सावधानियां

बुध (Mercury) एक महत्वपूर्ण ग्रह है। बुध को बुद्धि का कारक भी माना जाता है। इतना ही नही अगर कुंडली में अगर बुध खराब है तो मनुष्य अपने जीवन में कभी भी तरक्की नही कर सकता। बुध को व्यापार, बहन, बेटी का कारक भी माना जाता है। इस दिन भगवान श्री गणेश (Shri Ganesh) की पूजा की जाती है। भगवान गणेश जिन्हें विघ्न हर्ता भी कहा जाता है। उनकी पूजा -अर्चना करने से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। अगर कोई इस दिन सच्चे मन से गणेश जी की आराधना करता है तो उसके जीवन के में धन और सुख-समृद्धि की कभी कमीं नहीं रहती।;

Update: 2019-04-30 10:28 GMT

बुध (Mercury) एक महत्वपूर्ण ग्रह है। बुध को बुद्धि का कारक भी माना जाता है। इतना ही नही अगर कुंडली में अगर बुध खराब है तो मनुष्य अपने जीवन में कभी भी तरक्की नही कर सकता। बुध को व्यापार, बहन, बेटी का कारक भी माना जाता है। इस दिन भगवान श्री गणेश (Shri Ganesh) की पूजा की जाती है। भगवान गणेश जिन्हें विघ्न हर्ता भी कहा जाता है। उनकी पूजा -अर्चना करने से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। अगर कोई इस दिन सच्चे मन से गणेश जी की आराधना करता है तो उसके जीवन के में धन और सुख-समृद्धि की कभी कमीं नहीं रहती।


 बुधवार व्रत की विधि

1.व्रत वाले दिन सुबह उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होकर सबसे पहले आप भगवान के प्रतिमा के आगे बैठें।

2.गणेश जी की पूजा करने से पहले संकल्प लें क्योंकि किसी भी पूजा को शुरु करने से पहले संकल्प लेना आवश्यक है।

3.सबसे पहले एक चौकी लेकर उस पर लाल कपड़ा बिछांए। इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।

4. कुमकुम,अक्षत , घी और अगरबत्ती से गणेश जी का पूजन करें।

5.इसके बाद "ॐ गं गणपतये नमः" का जाप करें



 बुधवार व्रत कथा

एक समय की बात है एक साहूकार अपनी पत्नी को विदा कराने के लिए अपने ससुराल गया। कुछ दिन वहां रहने के उपरांत उसने सास-ससुर से अपनी पत्नी को विदा करने के लिए कहा किंतु सास-ससुर तथा अन्य संबंधियों ने कहा कि "बेटा आज बुधवार है। बुधवार को किसी भी शुभ कार्य के लिए यात्रा नहीं करते।" लेकिन वह नहीं माना और हठ करके बुधवार के दिन ही पत्नी को विदा करवाकर अपने नगर को चल पड़ा। राह में उसकी पत्नी को प्यास लगी, उसने पति से पीने के लिए पानी मांगा। साहूकार लोटा लेकर गाड़ी से उतरकर जल लेने चला गया। जब वह जल लेकर वापस आया तो वह बुरी तरह हैरान हो उठा, क्योंकि उसकी पत्नी के पास उसकी ही शक्ल-सूरत का एक दूसरा व्यक्ति बैठा था।

पत्नी भी अपने पति को देखकर हैरान रह गई। वह दोनों में कोई अंतर नहीं कर पाई। साहूकार ने पास बैठे शख्स से पूछा कि तुम कौन हो और मेरी पत्नी के पास क्यों बैठे हो? उसकी बात सुनकर उस व्यक्ति ने कहा- अरे भाई, यह मेरी पत्नी है। मैं अपनी पत्नी को ससुराल से विदा करा कर लाया हूं, लेकिन तुम कौन हो जो मुझसे ऐसा प्रश्न कर रहे हो? दोनों आपस में झगड़ने लगे। तभी राज्य के सिपाही आए और उन्होंने साहूकार को पकड़ लिया और स्त्री से पूछा कि तुम्हारा असली पति कौन है? उसकी पत्नी चुप रही क्योंकि दोनों को देखकर वह खुद हैरान थी कि वह किसे अपना पति कहे? साहूकार ईश्वर से प्रार्थना करते हुए बोला "हे भगवान, यह क्या लीला है?"

उसी समय आकाशवाणी हुई कि मूर्ख आज बुधवार के दिन तुझे शुभ कार्य के लिए गमन नहीं करना चाहिए था। तूने हठ में किसी की बात नहीं मानी। यह सब भगवान बुधदेव के प्रकोप से हो रहा है।साहूकार ने भगवान बुधदेव से प्रार्थना की और अपनी गलती के लिए क्षमा याचना की। तब मनुष्य के रूप में आए बुध देवता अंतर्ध्यान हो गए। वह अपनी स्त्री को घर ले आया। इसके पश्चात पति-पत्नी नियमपूर्वक बुधवार व्रत करने लगे। जो व्यक्ति इस कथा को पढ़ता या सुनता है उसको बुधवार के दिन यात्रा करने का कोई दोष नहीं लगता और उसे सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

व्रत में रखी जानें वाली सावधानियां

1. गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें।

2.गणेश जी की पूजा में टूटे और गीले चावल का प्रयोग न करें नहीं तो आपको गणेश जी के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।

3.गणेश जी की पूजा में फूलों का विशेष महत्व है । गणेश जी को लाल रंग अधिक प्रिय है। इसलिए इनका पूजन लाल रंग से ही करें ।

4.गणेश जी की पूजा में सफेद रंग और पील रंग का प्रयोग नहीं किया जाता। इसलिए सफेद रंग और पीले रंग का बिल्कुल भी प्रयोग न करें।

5. दुर्वा से ही गणेश जी का अभिषेक करें। इससे गणपति बप्पा मनोवांछिक फल देते हैं। 

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