Chaitra Navratri 2020 Mein Kab Hai : चैत्र नवरात्रि पर इस विधि से करें घट स्थापना, मां दुर्गा होगी जल्द प्रसन्न
Chaitra Navratri 2020 Mein Kab Hai : चैत्र नवरात्रि का पर्व (Chaitra Navratri Festival) 25 मार्च 2020 से प्रारंभ हो रहा है, नवरात्रि (Navratri) के पहले दिन घट स्थापना को अधिक महत्व दिया जाता है, इस बार चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 19 मिनट से सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।;
Chaitra Navratri 2020 Mein Kab Hai : चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। मां दुर्गा की पूजा (Goddess Durga Puja) में घट स्थापना को विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि कलश में भगवान गणेश का वास होता है। यदि आप भी चैत्र नवरात्रि का व्रत रखना चाहते हैं और घट स्थापना विधि के बारे में जानना चाहते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं घट स्थापना विधि।
घट स्थापना सामग्री (Ghat Sthapna Samigri)
कलश, तांबे या फिर मिट्टी का, एक मिट्टी का पात्र, जौ, जौ बोने के लिए एक मिट्टी का पात्र, कलश भरने के लिए जल, गंगाजल, कलश पर ढकने के लिए ढक्कन, पानी वाला नारियल, नारियल लपेटने के लिए लाल कपड़ा, मौली, साबूत सुपारी, इत्र, दूर्वा, कलश में रखने के लिए सिक्का, पंचरत्न,अशोक या आम के पत्ते, अक्षत, फल,फूल आदि
घट स्थापना विधि (Ghat Sthapna Vidhi)
1. कलश स्थापना से पहले पूजा स्थल को शुद्ध कर लें। इसके बाद एक लकड़ी का पटा या चौकी लें और उस पर गंगाजल डालकर उसे शुद्ध कर लें।
2. चौकी को शुद्ध करने के बाद उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। उसके बाद इस कपड़े पर अक्षत डालें।
3.जब आप कपड़े पर अक्षत रखें तो उस समय भगवान गणेश का स्मरण करें। इसके बाद मिट्टी के पात्र में जौ बोएं।
4.जिस पात्र में जौ को बोया है उसे चौकी पर रखें।इसके बाद चौकी पर जल से भरा कलश स्थापित करें।
5. इसके बाद कलश के मुख पर रक्षा सूत्र बांधे यानी मौली बांध लें और रोली से कलश के चारो और स्वास्तिक या ऊं बना लें।
6.कलश के अंदर साबूत सुपारी, दूर्वा,फूल और एक रूपए का सिक्का डाल दें। उसके बाद आम या अशोक के पत्ते रख दें।
7.इसके बाद कलश के मुख पर चावल से भरा मिट्टी का पात्र या पलेट रख दें
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8. इसके बाद उस चावल से भरे पात्र के ऊपर लाल कपड़े में लपेट कर नारियल रखें और मौली से बांध दें।
9.नारियल रखते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें की नारियल का मुख आपकी और ही हो।
10. इसके बाद सभी देवी देवताओं का आह्वाहन करें कि वह नौ दिनों तक इस कलश में विराजित रहें।
11. देवी देवताओं का आह्वाहन करने के बाद दीपक जलाकर कलश की पूजा करें और धूपबत्ती जलाएं।
12.इसके बाद कलश पर फूलों की माला अर्पित करें और फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।