Dashami Dates 2019 : जानें कब है दशमी 2019 में, जानें विजयादशमी का महत्व
Dashami Dates 2019 : पुराणों के अनुसार विजयदशमी के दिन ही भगवान श्री राम (Shri Ram) ने अंहकारी रावण (Ravan) का वध करके माता सीता (Mata Sita) को उसके बंधन से मुक्त कराया था। अगर आप दशमी तिथि और विजयदशमी के महत्व (Vijaydashami इन सभी बातों के बारे में नहीं जानते हैं तो आज हम आपको दशमी तिथि (Dashami Tithi) की इन सभी बातों के बारे में बताएंगे;
Dashami Dates 2019 : दशमी 2019 में कब है (Dashami 2019 Mai Kab Hai) ,क्या है विजयदशमी का महत्व (Vijaydashami Ka Mahatva) । अगर आप इसके बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे। दशमी तिथि साल 2019 (Dashami Tithi 2019) में 8 अक्टूबर 2019 (8 october 2019) के दिन यानी मंगलवार के दिन पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। दशमी (Dashami) को उत्तर भारत में दशहरा (Dussehra) के रूप में मनाया जाता है। वहीं इसका एक और नाम विजयदशमी (Vijaydashami) भी है। विजयदशमी को विजय पर्व (Vijay Festival) के रूप में मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार विजयदशमी के दिन ही भगवान श्री राम (Shri Ram) ने अंहकारी रावण (Ravan) का वध करके माता सीता (Mata Sita) को उसके बंधन से मुक्त कराया था। अगर आप दशमी तिथि की इन सभी बातों के बारे में नहीं जानते हैं तो आज हम आपको दशमी तिथि (Dashami Tithi) की इन सभी बातों के बारे में बताएंगे तो चलिए जानते है दशमी तिथि 2019 (Dashami Tithi 2019) और विजयदशमी का महत्व के बारे में....
विजयदशमी का महत्व (Vijaydashami Ka Mahatva)
विजयदशमी का पर्व विजय के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार विजयदशमी के दिन भगवान श्री राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था। रावण को दशानन के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इस त्योहार को दशहरा के रूप में भी मनाया जाता है। लोग इस दिन को बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत को रावण दहन करके मनाते हैं।
गावों में किसान विजयदशमी के दिन नई फसल को घर लेकर आते हैं। पुराने समय में लोग विजयदशमी के दिन हथियारों की पूजा करते थे। ताकि युद्ध के समय दुशमन उनका कुछ भी न बिगाड़ सके।विजयदशमी से पहले नवरात्रि से ही रामलीला का आयोजन किया जाता है। नौ दिनों तक रामलीला समाप्त होने के बाद ।
दसवें दिन यानी दशमी तिथि के दिन दशहरा मनाया जाता है।इस दिन रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले फूंके जाते हैं। विजयदशमी के दिन मेले का भी आयोजन होता है। लोग विजयदशमी के दिन रावण , मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में फूंकते हैं और एक-दूसरे को समाज की कुरितियों से दूर रहने की सलाह देते हैं।
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