Hanuman Jayanti 2019: जानें हनुमान जी के बारें में रोचक तथ्य, परम भक्ति और उनसे जुड़ी खास बातें

हनुमान (Hanuman) जन्मोत्सव इस बार बेहद खास है ।इस बार हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पर गजकेसरी और चित्रा नक्षत्र का योग बन रहा है। जो 19 अप्रैल के दिन है।;

Update: 2019-04-17 10:40 GMT

Hanuman Jayanti 2019: हनुमान (Hanuman) जन्मोत्सव इस बार बेहद खास है। इस बार हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पर गजकेसरी और चित्रा नक्षत्र का योग बन रहा है। जो 19 अप्रैल के दिन है। हनुमान जयंती को लेकर कई आचार्यों में कुछ मतभेद हैं। कुछ स्थानों पर हनुमान जयंती कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (krishna paksha chaturdashi) पर मनाई जाती है, और कुछ जगह चैत्र शुक्ल पूर्णिमा (Chaitra sukhl purnima) पर, लेकिन धार्मिक ग्रन्थों में दोनों ही तिथियों का जिक्र आता है। हिंदू ग्रथों की माने तो पहली तिथि यानि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को बजरंग बली का विजय अभिनंदन महोत्सव होता है वहीं चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर उनका जन्मदिवस माना जाता है।




श्री राम के परम भक्त हनुमान

हनुमान जी के पिता का नाम केसरी और माता का नाम अंजनि के पुत्र था। ग्रंथों के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था, इसीलिए ये पर्व हनुमान जयंती के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। रामायण के अनुसार वे श्री राम की पत्नी माता सीता के भी अत्यधिक प्रिय हैं । जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी शामिल हैं । हनुमान जी ने पृथ्वीं पर भगवान श्री राम की सहायता के लिये अवतार लिया था।



 पवनपुत्र से जुड़ी खास बातें

क्या आप जानते हैं एक समय ऐसा भी आया था जब हनुमान जी को भगवान श्री राम के साथ भी युद्ध करना पड़ा था। एक बार की बात है गुरु विश्वामित्र श्री राम से मिलने आए थे लेकिन किसी वजह से वह हनुमानजी से नाराज हो गए और उन्होंने श्री राम को हनुमान को मारने के लिए कहा। राम क्योंकि वह गुरु की आज्ञा नहीं टाल सकते थे, इसलिए उन्होंने अपने भक्त पर प्रहार किए लेकिन इस दौरान हनुमान, राम नाम जपते रहे जिसके चलते उनके ऊपर किसी प्रहार का प्रभाव नहीं हुआ और सारे शस्त्र विफल हो गए। हनुमान पवन पुत्र हैं और महाभारत काल में कुंती ने भी पवनदेव के माध्यम से ही भीम को जन्म दिया था। इस तरह से भीम औऱ हनुमान जी भाई माने जाते हैं। सबसे पहले विभीषण ने हनुमानजी की शरण में आने के लिए उनकी स्तुति की थी और एक बहुत ही अद्भुत और अचूक स्तोत्र की रचना की थी। हनुमान जी रामायण के प्रथम लेखक भी माने जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार उन्होनें हिमालय पर जाकर उस पर अपने नाखूनों से रामायण लिखी थी। जब बाल्मीकि जी हिमालय पर गए तो उन्हें वहां पर पहले से ही लिखी हुई रामायण मिली। हनुमान जी ने अपने पूरे जीवन ब्रह्मचार्य व्रत का पालन किया था। लेकिन एक मछली के गर्भ में उनकी पसीनें की बूंद जाने से कि उन्हीं के स्वरुप जैसा उनका पुत्र मकरध्वज भी हुआ था।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App 

Tags:    

Similar News