Holi 2020 March : होली पर जानिए कहां से शुरू हुई रंग लगाने की परंपरा

Holi 2020 March : होली का त्योहार (Holi Festival) रंगों का त्योहार कहलाता है, इस दिन लोग एक - दूसरे को रंग लगाकर अपनी खुशी जाहिर करते हैं, होला की पर्व साल 2020 में 10 मार्च 2020 (10 March 2020) को मनाया जाएगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली पर रंग लगाने की परंपरा कहां से शुरू हुई है, अगर नहीं तो चलिए जानते हैं होली पर रंग लगाने की परंपरा...;

Update: 2020-02-10 08:18 GMT

Holi 2020 March : होली का पर्व (Holi ka Parv) हिंदू शास्त्रों में अत्याधिक महत्व रखता है। यह त्योहार दो दिनों तक मनाया जाता है। जिसमें पहले दिन होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता और दूसरे दिन रंगों के द्वारा होली खेली जाती है। रंग लगाने की यह परंपरा सदियों पुरानी है। जिसे आज भी मनाया जाता है तो चलिए जानते हैं होली पर रंग लगाने की परंपरा के बारे में...


होली पर रंग लगाने की परंपरा (Holi Par Rang Lagane Ki Parampara)

फाल्गुन मास में मनाया जाने वाला त्योहार होली (Holi) हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले त्योहारों में सबसे ज्यादा मुख्य त्योहार माना जाता है। इसे रंगों का त्योहार (Rango ka Tyohar) भी कहा जाता है। दो दिन के इस पर्व में सबसे पहले होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन होता है फाग, जिसे धुलेंडी और धुल के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन सभी प्रकार के द्वेष को भूलाकर एक दूसरे को रंग लगाकर गले मिलने का होता है। इसके बाद सब लोग मिलकर गुजिया और मिठाईयां खाते हैं।

अबीर और गुलाल से होली खेलने की यह परंपरा काफी पुरानी है। माना जाता है कि रंग और गुलाल की यह परंपरा राधा और कृष्ण के प्रेम से हुई है।जब भगवान श्री कृष्ण अपनी बाल्य अवस्था में थे तो वह अपनी माता यशोदा से अपने सांवले और राधा के गोरे होने की शिकायत किया करते थे। माता यशोदा अपने प्यारे पुत्र की इस बात पर हंसती और मजाक में ही उन्हें राधा के चेहरे पर रंग लगाने की सलाह दे देती हैं और कहती हैं की इससे राधा भी सांवली हो जाएगी।


जिसके बाद भगवान श्री कृष्ण राधा जी को होली पर रंग लगा देते हैं। क्योंकि यह प्रसंग राधा - कृष्ण से जुड़ा हुआ है।इसलिए संपूर्ण व्रज मंडल में होली का इतिहास काफी पुराना है। मथुरा और वृंदावन और बरसाने की होली पूरे विश्वभर में मशहूर है। जिसे देखने के लिए लोग दूर- दूर से आते हैं। यहां पर होली काफी समय पहले से ही शुरू हो जाती है। जिसमें अलग- अलग प्रकार से होली मनाई जाती है। कहीं लट्ठमार होली मनाई जाती है तो कहीं पर फूलों से होली खेली जाती है।

पूरे भारत में रंगों से होली को खेलने को अधिक महत्व दिया जाता है। वैसे भी रंगों का जीवन में अत्याधिक महत्व होता है। जीवन में प्रत्येक रंग का अपनी ही विशेष महत्व होता है जैसे लाल रंग प्रेम को दर्शाता है वैसे ही पीला रंग शुभता को दर्शाता है। इसी प्रकार सभी रंगों को जीवन से गहरा नाता होता है। होली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस कारण भी रंगों के द्वारा होली खेलने को अधिक महत्व दिया जाता है।

होली के दिन एक - दूसरे को रंग लगाकर लोग अपनी खुशी का इजहार करते हैं और इस त्योहार को पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। होली का दिन इस कारण से ही रंगों का त्योहार कहलाता है। जिसमें रंगों की महत्वता को दर्शाया जाता है।  

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