Kamika Ekadashi 2019 : कामिका एकादशी कब है 2019 में, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और कामिका एकादशी व्रत कथा
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कामिका एकादशी 2019 तिथि ( Kamika Ekadashi 2019 Tithi)
28 जूलाई 2019
कामिका एकादशी 2019 शुभ मुहूर्त (Kamika Ekadashi 2019 Subh Mahurat)
एकादशी आरंभ - शाम 7 बजकर 43 मिनट से (27 July 2019)
एकादशी समाप्त - शाम 6 बजकर 49 मिनट तक ( 28 July 2019)
कामिका एकादशी व्रत का पारण- सुबह 5 बजकर 40 मिनट से (29 July 2019)
8 बजकर 23 मिनट तक
कामिका एकादशी का महत्व ( Kamika Ekadashi Ka Mahatva)
कामिका एकादशी को शास्त्रों में सभी पापों से मुक्त कराने वाली एकादशी कहा गया है। कामिका एकादशी का व्रत मनुष्य को उसके जीवन के सभी जाने अनजानें पापों से मुक्ति दिलाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी देवता , गंधर्व और सूर्य की पूजा का फल मिल जाता है।
शास्त्रों में एक और बात का वर्णन किया गया है कि भगवान विष्णु के आराध्य भगवान शिव है और भगवान शिव के आराध्य भगवान विष्णु ऐसे में सावन मास में आने से कामिका एकादशी का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
कामिका एकादशी के बारे में खुद भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया था । भगवान कृष्ण के अनुसार जो व्यक्ति कामिका एकादशी का व्रत रखता है। उसे अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है। कृष्ण के अनुसार अपने पापों से मुक्ति पाने का इससे सरल उपाय संसार में कोई और नहीं है।
कामिका एकादशी का व्रत न केवल सभी पापों से मुक्ति देता है। बल्कि जीवन में धन के साथ -साथ सुख और समृद्धि भी देता है। कामिका एकादशी का पुण्यफल इतना है कि जब तक मनुष्य धरती लोक पर होता है। वह जीवन के सभी सुखों का भोग करता है और मरने के बाद उसे बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
कामिका एकादशी पूजा विधि ( Kamika Ekdashi Puja Vidhi)
1.सबसे पहले साधक को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए । उसके बाद स्नान आदि करके सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए।
2.इसके बाद कलश की स्थापना करें। कलश पर आम के पल्लव , खरबूजा और लाल चुनरी बांध कर रखें।
3.इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और विधिवत पूजा करें।
4.भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और रात भर भगवान विष्णु का कीर्तन करें।
5. एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी के दिन व्रत का पारण करें।
कामिका एकादशी व्रत कथा (Kamika Ekadashi Vrat Katha)
महाभारत काल के समय धर्मराज युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण से कहा, "हे प्रभु, कृपा करके मुझे कामिका एकादशी का महत्व और उसका वर्णन सुनाएं।'' भगवान कृष्ण ने कहा कि- ''इस एकादशी व्रत की कथा स्वयं ब्रह्मा जी ने देवर्षि नारद को सुनाई थी, अत: मैं भी तुम्हे वही सुनाता हूं।''
एक समय नारद जी ने ब्रह्मा जी से कामिका एकादशी की कथा सुनने की इच्छा जताई थी| ब्रह्मा जी ने कहा- "हे नारद! कामिका एकादशी व्रत की कथा सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस तिथि पर शंख, चक्र एवं गदाधारी भगवान विष्णु का पूजन होता है।
गंगा, काशी, नैमिषारण्य और पुष्कर जैसी तीर्थ में स्नान करने से जो फल मिलता है, वह भगवान विष्णु के पूजन से भी मिलता है। पापों से भयभीत व्यक्ति को कामिका एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।
स्वयं प्रभु ने कहा है कि कामिका व्रत से कोई भी जीव कुयोनि में जन्म नहीं लेता। इस एकादशी पर जो भी मनुष्य श्रद्धा-भक्ति से भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पित करते हैं, उन्हे पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
भगवान विष्णु के मंत्र (Bhagwan Vishnu Ke Mantra)
1.ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
3.ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
4.ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
5.श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
भगवान विष्णु की आरती (Bhagwan Vishnu Ki Aarti)
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥
एकादशी माता की आरती ( Ekadashi Mata Ki Aarti)
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय एकादशी...॥
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥
ॐ जय एकादशी...॥
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई॥
ॐ जय एकादशी...॥
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है।
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै॥
ॐ जय एकादशी...॥
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै॥
ॐ जय एकादशी...॥
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी।
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की॥
ॐ जय एकादशी...॥
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली।
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली॥
ॐ जय एकादशी...॥
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी।
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी॥
ॐ जय एकादशी...॥
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी॥
ॐ जय एकादशी...॥
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए॥
ॐ जय एकादशी...॥
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला॥
ॐ जय एकादशी...॥
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी॥
ॐ जय एकादशी...॥
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया॥
ॐ जय एकादशी...॥
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥
ॐ जय एकादशी...॥
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै॥
ॐ जय एकादशी...॥
कामिका एकादशी व्रत के फल (Kamika Ekadashi Vrat Ke Fal)
1. कामिका एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है।
2. कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने पर गंधर्व, सूर्य और सभी देवताओं की पूजा का फल प्राप्त होता है।
3. कामिका एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को भूमि दान के बराबर फल मिलता है।
4.कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है
5.कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की पूजा करने से दोनों देवों के पूजन का फल प्राप्त होता है।
कामिका एकादशी व्रत के नियम ( Kamika Ekadashi Vrat Ke Niyam)
1. कामिका एकादशी व्रत के नियम दशमी तिथि से शुरु हो जाते हैं। इसलिए कामिका एकादशी के व्रत के नियमों का पालन दशमी तिथि से ही करें।
2.कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन तुलसी से करें । लेकिन कामिका एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़े।
3. कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन पीले फूलों और पीली मिठाई से ही करना चाहिए।
4. कामिका एकादशी के पूजा के बाद भगवान विष्णु की कथा अवश्य पढ़ें। कथा पढ़े बिना कोई भी व्रत पूर्ण नही होता।
5.कामिका एकादशी के व्रत का पारण दूसरे दिन यानी द्वादशी के दिन किया जाता है। इसलिए कामिका एकादशी का व्रत दूसरे दिन ही खोलें।
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