Narak Chaturdashi 2019 : जानिए नरक चतुर्दशी के दिन क्यों की जाती है अलक्ष्मी की विदाई
Narak Chaturdashi 2019 नरक चतुर्दशी का पर्व इस साल 2019 में 26 अक्टूबर 2019 के दिन मनाया जाएगा, इस दिन अलक्ष्मी को विदा करने की भी परंपरा है, अलक्ष्मी जी माता लक्ष्मी की बड़ी बहन हैं, तो आइए जानते हैं क्यों कि जाती है नरक चतुर्दशी के दिन अलक्ष्मी की विदाई;
Narak Chaturdashi 2019 नरक चतुर्दशी पर यमदेव की पूजा के साथ- साथ माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) के आगमन की तैयारियां भी शुरू हो जाती है। नरक चतुर्दशी के दिन ही अलक्ष्मी (Alaxhmi) को भी विदा किया जाता है। क्योंकि जहां पर अलक्ष्मी जी होती है। वहां पर माता लक्ष्मी कभी नहीं आती। इसलिए इस दिन अलक्ष्मी को विदा करना अत्यंत ही आवश्यक है। जहां पर भी अलक्ष्मी का वास होता है। वहां पर सुख और समृद्धि बिल्कुल भी नही होती तो आइए जानते हैं नरक चतुर्दशी के दिन क्यों की जाती है अलक्ष्मी की विदाई
इसे भी पढ़ें : Narak Chaturdashi 2019 : जानें कब है नरक चतुर्दशी 2019 में, नियम, पूजा विधि और नरक चतुदर्शी की कथा
क्यों की जाती है नरक चतुर्दशी पर अलक्ष्मी देवी की विदाई (Kyu Ki Jati Hai Narak Chaturdashi Per Alaxhmi Devi Ki Vidai)
नरक चतुर्दशी के दिन अलक्ष्मी देवी जो मां लक्ष्मी की बड़ी बहन हैं। अलक्ष्मी देवी को दरिद्रता की देवी भी माना जाता है। इनका दूसरा नाम ज्येष्ठी देवी भी है। उन्हें आज के दिन विशेष रूप से विदा किया जाता है। अलक्ष्मी देवी को धूल, मिट्टी जैसे गंदी जगह पसंद है। अलक्ष्मी देवी का जिस व्यक्ति के घर में वास हो जाता है। वह अपने पूरे जीवनभर दरिद्र बना रहता है। उसके जीवन में न तो धन होता है और न ही कोई सुख होता है। क्योंकि बिना धन के सुख की प्राप्ति हो ही नहीं सकती। इसलिए अलक्ष्मी को नरक चतुर्दशी के दिन घर से विदा करने की परंपरा है।
इसे भी पढ़ें : Narak Chaturdashi 2019 : नरक चतुदर्शी पर अपनाएं वास्तु दोष निवारण के उपाय
लेकिन जिस जगह पर अलक्ष्मी देवी होती है। उस जगह पर लक्ष्मी देवी नही आती। इसलिए नरक चतुर्दशी के दिन घर से धूल मिट्टी को घर से बाहर निकाला जाता है। जब धूल मिट्टी को घर से बाहर निकाला जाता है तब दीप जलाकर दीप की ज्याति दिखाते हुए मिट्टी को बाहर फेंका जाता है।
इसके अलावा इस दिन घर की अच्छी तरह से सफाई की जाती है। जिससे अलक्ष्मी किसी भी रूप से घर में न रहे। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से अलक्ष्मी देवी घर से विदा हो जाती है। इसलिए नरक चतुर्दशी के दिन अलक्ष्मी देवी को विदा किया जाता है।
नरक चतुर्दशी के अगले दिन यानी दिवाली के दिन माता लक्ष्मी स्वागत के लिए घर को अच्छी तरह से सजाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है। दिवाली का पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है। जिसकी शुरूआत धनतेरस के दिन से ही हो जाती है।
लेकिन नरक चतुर्दशी के दिन से ही माता लक्ष्मी के स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी जाती है। जिसमें सबसे पहला काम सफाई का होता है। क्योंकि मां लक्ष्मी वहीं पर जाती हैं। जहां पर साफ सफाई हो। इसी कारण से नरक चतुर्दशी के दिन धूल, मिट्टी, गंदगी आदि को साफ करके अलक्ष्मी को विदा किया जाता है। जिससे माता लक्ष्मी का आगमन घर पर हो सके।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App