Sankashti Chaturthi: 11 अप्रैल को है मासिक संकष्टी चतुर्थी व्रत, श्रीगणेश का ऐसे करेंगे पूजन तो सभी मनोकामनाएं हो जाएगी पूरी

कृष्ण पक्ष में भगवान श्रीगणेश जी की पूजा का मिलता है अलग ही लाभ। सभी मनोकामनाओं को पूरी करते हैं भगवान;

Update: 2020-04-10 10:42 GMT

इस के दूसरे शनिवार को यानि 11 अप्रैल को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का दिन है। मान्यता है कि इस तिथि को व्रत रखकर भगवान गणेश जी की विशेष पूजा करने सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रथम पूजनीय भगवान गणेश जी का पूजन इस विधि-विधान से करें। तो सभी विघ्नहर्ता आपके जीवन के सारे विघ्नों के हर लेंगे।

सबसे ज्यादा शुभ होती है कृष्ण पक्ष की संकष्टी चुतर्थी

वैसे तो संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर माह किया जाता है, लेकिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी को धर्म शास्त्र के जानकार बहुत ही शुभ और सर्व फलदायी बताते हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान श्रीगणेश जी की विशेष पूजा अर्चना करने से वे बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।

संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्रीगणेश जी का ऐसे करें पूजन

संकष्‍टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर गंगाजल मिले जल से स्‍नान करें।

उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भगवान श्रीगणेश की पूजा कर उन्‍हें शुद्धजल अर्पित करें।

श्रीगणेश जी कृपा प्राप्ति के भाव से इस दिन व्रत रखने का संकल्प लें।

भगवान श्रीगणेश जी के बीज मंत्रों का कम से कम 108 बार जप करें।

पूजन और मंत्र जप के बाद जल में तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्‍य दें।

इस दिन शाम के समय भी विधिवत् गणेश जी की पूजन करना चाहिए।

इस दिन गणेश जी को तुलसी भूलकर भी नहीं चढ़ानी चाहिए।

संकष्टी चतुर्थी के दिन तिल के लड्डुओं का भोग लगाने से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं।

इस गणेश मंत्र ऊँ गं गणपतये नमः का जप करना चाहिए।

Tags:    

Similar News