Yogini Ekadashi 2019 : योगिनी एकादशी का महत्व और योगिनी एकादशी उद्यापन विधि
Yogini Ekadashi 2019 : योगिनी एकादशी का व्रत (Yogini Ekadahsi Vrat) रखने वाले व्यक्ति को कई हजार ब्राह्मणों को भोज कराने का फल प्राप्त होता है। योगिनी एकादशी साल 2019 (Yogini Ekadashi 2019 ) में व्रत 28 जून 2019 (28 June 2019 )और 29 जून 2019 (29 June 2019) दोनों दिन रखा जाएगा। दरअसल इस बार योगिनी एकादशी की तिथि 28 जून से ही प्रारंभ हो रही है और योगिनी एकादशी का अंत 29 जून को हो रहा है। जिसकी वजह से योगिनी एकादशी का व्रत दोनों दिन रखा जा सकता है। अगर आप भी योगिनी एकादशी का व्रत रखना चाहते हैं और आपको योगिनी एकादशी के महत्व (Yogini Ekadashi Importance)और योगिनी एकादशी की उद्यापन विधि (Yogini Ekadashi Udyapan Vidhi) के बारे में नहीं पता तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे;
Yogini Ekadashi 2019 : योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) को सभी एकादशीयों में पाप मोक्षनी एकादशी (Paap Mokshani Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। जो भी व्यक्ति सच्चे मन से योगिनी एकादशी का व्रत रखता है । उसे उसके जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा योगिनी एकादशी का व्रत (Yogini Ekadahsi Vrat) रखने वाले व्यक्ति को कई हजार ब्राह्मणों को भोज कराने का फल प्राप्त होता है। योगिनी एकादशी साल 2019 में व्रत 28 जून और 29 जून दोनों दिन रखा जाएगा। दरअसल इस बार योगिनी एकादशी की तिथि 28 जून 2019 से ही प्रारंभ हो रही है और योगिनी एकादशी का अंत 29 जून 2019 को हो रहा है। जिसकी वजह से योगिनी एकादशी का व्रत दोनों दिन रखा जा सकता है। अगर आप भी योगिनी एकादशी का व्रत रखना चाहते हैं और आपको योगिनी एकादशी के महत्व और योगिनी एकादशी की उद्यापन विधि के बारे में नहीं पता तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं योगिनी एकादशी के महत्व और योगिनी एकादशी की उद्यापन विधि के बारे में...
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योगिनी एकादशी का महत्व (Yogini Ekadashi ka Mahatva)
विष्णु पुराण के अनुसार योगिनी एकादशी का बहुत ही ज्यादा महत्व बताया गया है। योगिनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को अट्ठासी हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पुण्यफल प्राप्त होता है। इतना ही नहीं योगिनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को कभी भी किसी प्रकार का रोग नहीं होता । अगर कोई रोगी व्यक्ति योगिनी एकादशी का व्रत रख ले तो उसका वह रोग शीघ्र ही ठीक हो जाता है।
योगिनी एकादशी का पुण्यफल से पीपल को काटने का श्राप भी नष्ट हो जाता है। जो भी व्यक्ति पूरे विधि विधान से योगिनी एकादसशी का व्रत रखता है। उसे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भगवान विष्णु की कृपा से उसे कभी भी धन की कमीं नहीं होती । इतना ही नहीं उसके जीवन में सदैव सुख और शांति का वास होता है और अंत में उसे बैकुंठ धाम में जगह भी मिलती है।
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योगिनी एकादशी व्रत की उद्यापन विधि (Yogini Ekadashi Vrat Udyapan Vidhi)
कोई भी व्रत बिना किसी उद्यापन के पूर्ण नहीं होता । व्रत करने वाले व्यक्ति को सबसे पहले 12 ब्राह्मणों को उनकी पत्नियों सहित निमंत्रित करना चाहिए । इसी के साथ एक पूजा करने वाले आचार्य को भी उनकी पत्नी सहित निमंत्रण देना चाहिए । उद्यापन के दिन सबसे पहले व्रत करने वाले को सूबह जल्दी उठना चाहिए पूरे घर की सफाई करनी चाहिए । इसके बाद नहा कर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
इसके बाद एक तांबे के कलश में चावल भरकर रखने चाहिए । अष्टदल कमल बनाकर आचार्य से विधिवत पूजा करानी चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी के पूजन का हवन करें। सभी देवताओं को हाथ जोड़कर नमन करना चाहिए।पूजा संपन्न होने के बाद सभी ब्राह्मणों और उनकी पत्नियों को फलाहर भोजन कराकर वस्त्र और दक्षिणा देनी चाहिए। इसके बाद किसी निर्धन व्यक्ति को अन्न का दान अवश्य करना चाहिए।
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