Bell Bottom: इन तीन देशों ने लगायी अक्षय कुमार की फिल्म पर रोक, फैक्ट्स के साथ छेड़खानी का है आरोप
बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार की नई फिल्म 'बेल बॉटम' वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के बाद सिनेमाघरों में रिलीज़ होनें वाली पहली फिल्म है। 'बेल बॉटम' 19 अगस्त को देश के सिनेमाघरों में 3डी इफेक्ट्स के साथ रिलीज़ हुई है। वहीं एक्टर की इस फिल्म पर तीन मिडिल ईस्ट देशों साऊदी अरब, कुवैत और कतर ने रोक लगा दी है। उनका मानना है कि फिल्म में दिखाये गये तथ्य गलत है।;
बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की नई फिल्म 'बेल बॉटम' (Bell Bottom) वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के बाद सिनेमाघरों में रिलीज़ होनें वाली पहली फिल्म है। एक्टर ने बड़े ही ज़ोरो शोरो के साथ इस फिल्म का प्रमोशन किया है। 'बेल बॉटम' 19 अगस्त को देश के सिनेमाघरों में 3डी इफेक्ट्स के साथ रिलीज़ हुई है। भारत के अलावा ये फिल्म दुनिया के कई और देशो में भी 19 अगस्त को रिलीज़ हुई है। वहीं एक्टर की इस फिल्म पर तीन मिडिल ईस्ट देशों साऊदी अरब (Saudi Arab), कुवैत (Kuwait) और कतर (Qatar) ने रोक लगा दी है। उनका मानना है कि फिल्म में दिखाये गये तथ्य गलत है।
साऊदी अरब, कतर और कुवैत ने अक्षय कुमार की फिल्म 'बेल बॉटम' की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी है। इन देशों में फिल्म पर लगे बैन के पीछे का कारण फिल्म के सेकेंड हाफ में पता चलता है। फिल्म में भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी के कार्यकाल का दौर दिखाया गया है। श्रीमती गांधी के कार्यकाल के दौरान जो विमान हाईजैक हुआ था फिल्म उसी घटना पर आधारित है। हाईजैकर्स एयर इंडिया के प्लेन को हाईजैक करने के बाद पहले लौहर और उसके बाद दुबई लेकर के पहुंचे थे। फिल्म के सेकेंड हाफ में दिखाया गया है कि हाईजैक की इस घटना के बाद दुबई सरकार भारत की मदद करने से इंकार कर देती है। फिल्म में अक्षय कुमार ने एक स्पाई का किरदार निभाया है। जो दुबई सरकार की नज़रों से बच- बचाकर प्लेन को हाईजैकर्स के चंगुल से छुड़ाने का मिशन चलाते हैं। अक्षय सफलता पूर्वक हाईजैकर्स को पकड़ लेते हैं और एक ब्रिटिश फ्लाइट से दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतारते हुए दिखायी देते हैं। उधर हाईजैक हुए भारतीय प्लेन को भी वापस आता हुआ दिखाया गया है।
फिल्म के उलट यूएई के अधिकारियों का मानना कुछ और ही है। उनका कहना है कि फिल्म में तथ्यों के साथ खिलवाड़ किया गया है। यूएई के अधिकारियों का कहना है कि साल 1984 में हुई इस घटना में संयुक्त अरब अमीरात के तत्कालीन रक्षा मंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने इस मामलें को पर्सनल लेवल पर लेकर के इसे सुलझाया था। जिसके बाद, संयुक्त अरब अमीरात के अफसरों ने हाईजैकर्स को पकड़कर इस जीत हासिल किया था। अपनी रिपोर्ट में इन मिडिल ईस्टर्न देशों ने कहा है कि फिल्म में सच्चाई के साथ हुई इसी छेड़छाड़ के चलते इस बैन किया गया है।