नहीं थम रहा Adipurush का विवाद, रामायण के राम और लक्ष्मण ने भी जताया विरोध

फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस सिलसिले में रामानंद सागर (Ramanand Sagar) की रामायण में राम और लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) और सुनील लहरी (Sunil Lahiri) ने भी इस फिल्म को लेकर निराशा जताई है और इसके संवाद (Dialogue) को स्तरहीन बताया है।;

Update: 2023-06-19 16:23 GMT

Adipurush Controversy: फिल्म 'आदिपुरुष' से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ज्यादातर लोगों के आरोप है कि इस फिल्म के संवाद स्तरहीन हैं। साथ ही किरदारों को भी गलत तरीके से दिखाया गया है। फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) विवादों के घेरे में हैं। रामायण (Ramayana) के कई पात्रों ने भी इसका विरोध किया है। इस कड़ी में अब रामानंद सागर (Ramanand Sagar) की रामायण में राम का रोल निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल (Arun Govil) और लक्ष्मण की भूमिका में दिखने वाले सुनील लहरी (Sunil Lahiri) ने भी फिल्म आदिपुरुष का विरोध किया है।

राम के किरदार के साथ मजाक किया गया: अरुण गोविल

अरुण गोविल ने 1987 में आए टीवी शो रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की भूमिका निभाकर देशभर में पहचान बनाई थी। आज भी आम जनता उन्हें राम के नाम से ही जानती है। उनके कई प्रशंसक हैं, जो उन्हें भगवान राम के स्वरूप में देखते हैं। अरुण गोविल ने कहा कि पिछले कई दिनों से आदिपुरुष को लेकर बहुत कुछ कहा गया, बहुत कुछ सुना गया। हालांकि, मुझे ऐसा लगता है कि थोड़ा ये मामला ज्यादा खिंच गया है। आदिपुरुष को लोग सिर्फ एक फिल्म के तौर पर देंखे। इसको ये ना कहें कि ये रामायण पर आधारित है। फिल्म के तौर पर अगर ये कोई और किरदार होते, तो मुझे लगता है कि ये फिल्म ठीक थी, लेकिन यहां बात काफी अलग है। वो चरित्र जिन्हें हम भगवान मानते हैं, भगवान की तरह पूजते हैं, जो हमारे दिल में बसे हैं, जो हमारे सांस्कृतिक धरोहर हैं, जो हमारी आस्था हैं, उनके किरदार के साथ मजाक किया गया, वो ज्यादातर लोगों को अच्छी नहीं लगी। मुझे भी ये पसंद नहीं आया।

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पौराणिक पात्रों को कार्टून की तरह पेश किया गया: सुनील लहरी

रामानंद सागर की रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने कहा कि आदिपुरुष ने लोगों की भावनाओं को काफी आहत किया है। मैंने ये फिल्म देखी है, जिसे देखने के बाद मुझे काफी निराशा हुई है। इस फिल्म के जरिए अपने ही लोगों ने अपनी ही संस्कृति का अपमान किया है। सुनील ने आगे कहा कि फिल्म का प्रेजेंटेशन अच्छा है, वीएफएक्स अच्छा है, संगीत अच्छा है, लेकिन फिल्म के किरदारों के साथ न्याय नहीं किया गया है। फिल्म देखकर लगता है कि पौराणिक पात्रों राम (Ram), सीता (Sita), लक्ष्मण (Lakshman) और रावण (Ravan) को कार्टून की तरह पेश किया गया है।

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