कोविड-19: जावेद अख्तर ने कहा- ''एकजुट रहना जरूरी'', सोशल मीडिया में गर्म है माहौल
गीतकार ने यह भी कहा कि किसी एक समुदाय को निशाना बनाना एकता के लक्ष्य को पराजित करता है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘दूसरी तरफ मैं यह भी सुनता हूं कि किसी समुदाय के लोगों की दुकान बंद करा दी, उसका ठेला पलट दिया। ऐसे एकता नहीं होती।’’;
करीब दो मिनट के इस वीडियो में उन्होंने कहा, ''इस वक्त देश बहुत बड़े संकट से गुजर रहा है और इस संकट का नाम कोरोना वायरस है जिससे निपटने के लिए जरूरी है कि हम सभी एक हों। हम जब एक-दूसरे पर ही शक करने लगेंगे और एक-दूसरे की नीयत को नहीं समझेंगे, कोई एकता ही नहीं होगी, तो हम लड़ेंगे कैसे।''
उन्होंने आगे कहा, ''इस एकता की बहुत जरूरत है। उन डॉक्टरों को सलाम कीजिए जो अपनी जान हथेली पर रखकर आपका इलाज करने, आपकी जांच करने आ रहे हैं। उस जांच से ही तो मालूम होगा कि आपको बीमारी है कि नहीं। और अगर बीमारी होगी तो आपका इलाज किया जाएगा। बीमारी पता नहीं चली तो इलाज नहीं हो पाएगा। बड़ी नासमझी की बात है कि कई जगह डॉक्टरों पर पत्थर फेंके जाते हैं, यह तो बहुत मूर्खतापूर्ण काम है और यह नहीं होना चाहिए।''
गीतकार ने यह भी कहा कि किसी एक समुदाय को निशाना बनाना एकता के लक्ष्य को पराजित करता है। उन्होंने आगे कहा, ''दूसरी तरफ मैं यह भी सुनता हूं कि किसी समुदाय के लोगों की दुकान बंद करा दी, उसका ठेला पलट दिया। ऐसे एकता नहीं होती।''
अख्तर ने कहा, ''मैं खासतौर पर अपने देश के मुसलमान भाइयों से अनुरोध करूंगा कि रमजान आ रहा है, आप जरूर इबादत कीजिए लेकिन यह याद रखिए कि इसमें दूसरों को परेशानी न हो और आपके अपने लोगों को भी दिक्कत न हो। जो इबादत आप मस्जिद में जाकर करते हैं, वह आप घर में कर सकते हैं। यह सारी जमीन उसी की तो बनाई हुई है जैसा आप मानते हैं।''
उन्होंने कहा, ''यह भी ध्यान रखिए कि आपकी बातों से, आपके नारों से, आपकी बातचीत से, आपकी हरकतों से दूसरों के दिल में तरह-तरह के संदेह पैदा न हों। मैं अपने बाकी सारे देशवासियों से कहूंगा कि एक-दूसरे पर भरोसा कीजिए, एकता रखिए, नफरत से काम मत लीजिए। प्रेम और विश्वास से काम लीजिए, तभी हम कोरोना से लड़ सकेंगे।''