Rajesh Khanna Birthday: जब 'नई दिल्ली' के लिए शत्रुघ्न सिन्हा से भिड़ गए थे राजेश खन्ना, जनता ने दिया था बखूबी साथ

Rajesh Khanna Birthday: राजेश खन्ना की 29 दिसंबर को 77वीं जयंती है। राजेश खन्ना के दिल के करीब 'नई दिल्ली' हमेशा से रही। इसके लिए वो शत्रुघ्न सिन्हा से भिड़ गए थे। राजेश खन्ना का साथ नई दिल्ली के लोगों ने बखूबी दिया था।;

Update: 2019-12-28 09:25 GMT

अपने दौर के सुपरस्टार बॉलीवुड एक्टर राजेश खन्ना की 29 दिसबंर को 77वीं जयंती है। उनके जयंती के मौके पर फैंस राजेश खन्ना को बेहद याद कर रहे है। 29 दिसंबर 1942 को राजेश खन्ना का जन्म पंजाब के अमृतसर शहर में हुआ था। जन्म के बाद ही उन्हें एक रिश्तेदार चुन्नी लाल खन्ना और लीला वती खन्ना ने गोद ले लिया था। वो परिवार के साथ मुंबई के गिरगांव चौपाटी में शिफ्ट हो गई थी। रिश्तेदारों ने ही राजेश खन्ना का पालन पोषण किया। राजेश खन्ना ने शुरूआती पढ़ाई सेंट सेबेस्टियन्स गोन हाई स्कूल से की। इस दौरान उनके क्लासमेट जीतेन्द्र थे। स्कूल के दिनों में ही राजेश खन्ना धीरे-धीरे थिएटर में दिलचस्पी लेने लगे और एक्टिंग करना शुरू किया था।


राजेश खन्ना का शानदार करियर- राजेश खन्ना ने साल 1966 में अपनी पहली फिल्म 'आखिरी खत' के साथ अपने फिल्मी सफर की शुरूआत की थी। इस फिल्म को 40वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में भारत की ओर से भेदा गया था। इसके अलावा, राजेश खन्ना की फिल्म 'औरत', 'बहारों के सपने', 'डोली', 'इत्तेफाक' और 'आराधना' भी सुपरहिट साबित हुई। 'आराधना' फिल्म के जरिए राजेश खन्ना ने 'तत्काल राष्ट्रीय प्रसिद्धि' हासिल की। साल 1971 में राजेश खन्ना की फिल्म 'हाथी मेरे साथी' ने भी खूब पैसा कमाया और उस समय ये सबसे ज्यादा करने वाली फिल्म साबित हुई। साल 1969 से 1971 के बीच उन्होंने 15 लगातार सुपरहिट फिल्में दी, ये रिकॉर्ड आज भी कायम है। साल 1991 में राजेश खन्ना को 101 फिल्मों में अकेले एक्टर होने के तौर पर फिल्मफेयर स्पेशल अवार्ड से सम्मानित किया गया था। साल 2000 से 2009 तक राजेश खन्ना ने चार टीवी शोजस किए। राजेश खन्ना का मशहूर टीवी शो 'रघुकुल रीति सदा चलि आई' रहा।


राजेश खन्ना का राजनीति सफर- फिल्मों के अलावा, राजेश खन्ना ने अपना एक रोल राजनीति में भी अदा किया था। वो कांग्रेस पार्टी के नेता बने थे। दिल्ली लोकसभा सीट से वो पांचत साल 1991-96 तक सांसद रहे। इस लोकसभा चुनाव में राजेश खन्ना ने शत्रुघ्न सिन्हा को जबरदस्त टक्कर दी थी। बताया जाता है कि राजेश खन्ना ने शत्रुघ्न सिन्हा को भारी मतों के अंदर से हराया था। साल 1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजेश खन्ना को फिर से मैदान में उतारा और बीजेपी ने जगमोहन को उनके सामने खड़ा किया था. लेकिन इस चुनाव में राजेश खन्ना 58,315 मतों के अंतर से चुनाव हार गए। बाद में राजेश खन्ना ने राजनीति से संन्यास ले लिया था। 18 जुलाई 2012 में उन्होंने अपने आशीर्वाद बंगले में आखिरी सांसें ली और दुनिया से अलविदा कह गए।   

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