इस किताब में है इरफान की जिंदगी की पूरी कहानी, पढ़िए

बड़ा की इरफान से मुलाकात 2007 में हुई थी जब वह अपनी हॉलीवुड फिल्म द माइटी हार्ट को प्रमोट करने न्यूयॉर्क पहुंचे;

Update: 2020-05-01 12:45 GMT

रफान खाने जयपुर के एक पठान परिवार में पैदा हुए थे और उनके घर में पारंपरिक माहौल था। मगर इरफान ने ऐक्टर बनने का सपना देखा और लंब संघर्ष करते हुए न केवल बॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड के भी स्टार बने। इरफान की जिंदगी की कहानी इसी साल जनवरी में पाठकों के बीच पुस्तक के रूप में आई थी। अमेरिका में रहन वाले फिल्म पत्रकार असीम छाबड़ा ने यह किताब लिखी है। नाम है, इरफान खानः द मैन, द ड्रीमर, द स्टार। भारत में इसे रूपा पब्लिकेशंस ने प्रकाशित किया है। किताब अंग्रेजी में है। छाबड़ा की इस किताब का बड़ा हिस्सा इरफान के दोस्तों, उनके साथ काम करने वाले ऐक्टरों और डायरेक्टरों से बातचीत पर आधारित है। जिसमें इरफान के सपनों और उनके व्यक्तित्व पर रोशनी पड़ती है।

बड़ा की इरफान से मुलाकात 2007 में हुई थी जब वह अपनी हॉलीवुड फिल्म द माइटी हार्ट को प्रमोट करने न्यूयॉर्क पहुंचे थे। उन दिनों अमेरिका में इरफान की द नेमसेक भी थियेटरों में चल रही थी। जब अमेरिकी मीडिया द माइटी हार्ट की हीरोइन एंजेलीना जोली के पीछे लगा था, छाबड़ा की दिलचस्पी इरफान में जागी। वहीं से इस किताब की यात्रा शुरू हुई। फोन पर शुरू हुई किताब की बातचीत और इरफान की कहनी के पन्ने धीरे-धीरे खुलते गए और छाबड़ा ने तय किया कि वह इस सितारे के साथ काम करने वालों से भी मुलाकातें करेंगे।

उन्होंने भारत आकर किताब पर काम करना शुरू किया। इरफान की कहानी को खोजते हुए छाबड़ा को पता चला कि वह बचपन में पतंगे उड़ानें के शौकीन थे।बचपन में पिता के साथ जंगल में शिकार के लिए जाने के बजाय पतंगबाजी उन्हें ज्यादा भाती थी। नतीजा यह कि पिता घर में कहते थे कि पठानों के घर में यह ब्राह्मण लड़का पैदा हो गया है। इस किताब में इरफान की जिंदगी के निजी पहलुओं से लेकर अभिनय की दुनिया में आने, उनके फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष और स्टार बनने की कहानी है।

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