Looop Lapeta Review: टाइम लूप में फंसी तापसी पन्नू, ताहिर राज भसीन ने दिखाया फिल्म में कमाल
क्या होगा अगर आपको जीवन में चीजों को ठीक करने और मौत से बचने के लिए तीन चांस मिलेंगे? आकाश भाटिया (Aakash Bhatia) द्वारा निर्देशित लूप लपेटा (Looop Lapeta) 90 के दशक की जर्मन थ्रिलर 'रन लोला रन' (Run Lola Run) का एक हिंदी रीमेक है। फिल्म में सवीना बोरकर एक एथलीट है और गोल्ड जीतना चाहती थी। लेकिन घुटना टूटने और अपना सपना बर्बाद होने के बाद से वह अलग इंसान बन जाती है।;
फिल्म : लूप लपेटा (Looop Lapeta)
कलाकार : तापसी पन्नू (Taapsee Pannu), ताहिर राज भसीन (Tahir Raj Bhasin), श्रेया धनवंतरी (Shreya Dhanwantri), दिब्येंदु भट्टाचार्य (Dibyendu Bhattacharya), हनी यादव (Honey Yadav), गौरव पारीक (Gaurav Pareek), माणिक पपनेजा (Manik Papneja) और राजेंद्र चावला (Rajendra Chawla)
निर्देशक: आकाश भाटिया (Aakash Bhatia)
रेटिंग : 2.8 स्टार (5 में से)
निर्देशक : आकाश भाटिया
कहानी : सवी यानी सवीना (तापसी पन्नू) को अपने बॉयफ्रेंड सत्या यानी सत्यजीत (ताहिर राज भसीन) को बचाने के लिए टाइम लूप में फंस जाती है। सवी को समय के खिलाफ दौड़ लगानी पड़ती है क्योंकि उसका बॉयफ्रेंड अमीर बनने के चक्कर में जुआ खेलता है और एक बड़ी रकम खो देता है। और इस तरह अपने बॉय फ्रेंड को इस प्रॉब्लम से निकलने के लिए सवी आगे आती है।
समीक्षा : क्या होगा अगर आपको जीवन में चीजों को ठीक करने और मौत से बचने के लिए तीन चांस मिलेंगे? आकाश भाटिया द्वारा निर्देशित लूप लपेटा 90 के दशक की जर्मन थ्रिलर 'रन लोला रन' का एक हिंदी रीमेक है। कहानी का मुख्य आकर्षण प्वाइंट टाइम-लूप है जो उसे अलग-अलग तरीकों से नकदी की वसूली और जीवित रहने के तीन प्रयासों में सक्षम बनाता है। फिल्म की कहानी के खिलाफ में टाइम थ्रिलर के खिलाफ यह क्रेजी कॉमेडी-रेस कैसे सुलझती है? फिल्म में सवीना बोरकर एक एथलीट है और गोल्ड जीतना चाहती थी। लेकिन घुटना टूटने और अपना सपना बर्बाद होने के बाद से वह अलग इंसान बन जाती है ऐसे में उसकी मुलाकात होती है सत्या से जो एक अमीर इंसान बनने का ख्वाब देखते रहता है।
दोनों को प्यार हो जाता है और सत्या पैसा कमाने के लिए जुआ खेलता है और आए दिन किसी न किसी से पीटते रहता है। सत्या का सपना है कि वो किसी दिन सवी को साथ लेकर Stockholm से Helsinki फेरी राइड पर जाएगा लेकिन फिलहाल उसके पास न पैसे हैं न किस्मत। सत्या की पैसों की चाहत दोनों की जिंदगी में तूफ़ान ला देती है। वहीं यूजलेस सत्या जिंदगी और मौत के बीच खड़ा है और उसे अपनी जान बचाने के लिए किसी भी हालत में 50 मिनट में 50 लाख रूपये लाने है। थक हारकर सत्या सवी से मदद मांगता है और इस तरह सवीना टाइम लूप में फंस जाती है।
दुनिया में बेफिक्र होकर फिल्मों में दौड़ रही तापसी पन्नू का अलग ही मिजाज है। एक्ट्रेस अपरंपरागत किरदारों को निभाने और विभिन्न कहानियों को बताने के अपने अथक और लगातार प्रयासों के लिए श्रेय की पात्र हैं। तापसी की हर फिल्म अलग होने का वादा लेकर आती है और यह अपने आप में एक्ट्रेस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। लूप लपेटा भी समय के साथ एक उन्मादपूर्ण सवारी है जो आपको एक रोलर कोस्टर पर होने का आभास देती है।
लूप लपेटा में तापसी पन्नू और ताहिर राज भसीन की जोड़ी सही है और फिल्म की कहानी भी एक बार देखने के लिए ठीक ही है। फिल्म में कई कॉमेडी सीन्स भी हैं लेकिन फिर भी कुछ कमी है। कई जगह फिल्म बोरिंग भी लगता है। सबसे दिलचस्प पार्ट है फिल्म में तापसी और ताहिर का टपोरी स्टाइल। टाइम लूप में फंसना ही इस फिल्म को खास भी बनाता है और बोरिंग भी। अगर आप फ्री है और टाइम लूप में जाना चाहते हैं तो इस फिल्म को जरूर देखें।